शरद पवार क्या NDA से हाथ मिलाने को तैयार थे..! प्रफुल्ल के दावे से महाराष्ट्र की सियासत गरमाई

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प्रफुल्ल पटेल के इस दावे पर कि शरद पवार 2023 में बीजेपी से हाथ मिलाने के लिए 50 प्रतिशत तैयार थे पर महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है। राज्य के कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार गुट के छगन भुजबल ने भी कहा शरद पवार ने पहले भी एनडीए में आने की कोशिश की थी। 2014 के चुनाव में भी कोशिशें की थी।

दरअसल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया कि जब अजित पवार ने पिछले साल 2023 में महाराष्ट्र की बीजेपी शिवसेना सरकार में उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी तब एनसीपी के संस्थापक शरद पवार भी बीजेपी शिवसेना शिंदे गुट सरकार के साथ जाने के लिए पचास प्रतिशत तैयार थे। बता दें पिछले साल 2 जुलाई 2023 को अजित पवार ने एनसीपी में बंटवारा कर दिया था। उस समय उनके साथ महाराष्ट्र की तत्कालीन एमवीए सरकार के आठ मंत्री भी बीजेपी शिवसेना शिंदे गुट की सरकार में शामिल हो गए थे।

आशीर्वाद दिया पर साथ नहीं आए

अजित पवार गुट से ताल्लुक रखने वाले प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि 2 जुलाई 2023 में अजित पवार और उनके मंत्रियों ने तब महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद पद की शपथ ली थी। इसके बाद 15 और 16 जुलाई को सभी ने एनसीपी के संस्थापक शरद पवार से मुंबई में मुलाकात की थी। हमने उनका आशीर्वाद लिया और उनसे हमारे साथ जुड़ने का अनुरोध किया था। उस समय शरद पवार से कहा था कि वे उनके नेतृत्व में काम करना चाहते हैं। इसे बाद ही शरद पवार और अजित पवार की पुणे में मुलाकात हुई थी। प्रफुल्ल पटेल ने दावा करते हुए कहा उनका मानना है कि तब शरद पवार 50 प्रतिशत तैयार हो गए थे।

EC ने किया था चाचा भतीजे के बीच तकरार का फैसला

बता दें कि एनसीपी में हुए बंटवारे के चलते पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावे को लेकर भतीजे अजित पवार और चाचा शरद पवार दोनों गुटों के बीच तीखी तकरार शुरू हो गई थी। विवाद चुनाव आयोग तक पहुंचा। आयोग ने फरवरी में फैसला सुनाया और अजित पवार के गुट को ही असली एनसीपी करार दिया था। चुनाव आयोग ने शरद पवार के गुट के लिए एनसीपी- शरदचंद्र पवार नया नाम आवंटित किया था। हालांकि अब एनसीपी-शरदचंद्र पवार पार्टी के प्रवक्ता क्रैस्टो ने प्रफुल्ल पटेल की इस टिप्पणी को निरर्थक बताते हुए इसका खंडन किया है।

NCP शरद पवार गुट ने उठाए सवाल

प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि प्रफुल्ल पटेल का ये बयान निरर्थक है। इसकी कोई वेल्यू नहीं है। इस कथन में सच्चाई भी नहीं है। ये सभी बयान महज अपना मूल्य और रुतबा बढ़ाने के लिए अब दिए जा रहे हैं। क्योंकि अजीत पवार गुट के साथ बीजेपी ऐसा व्यवहार कर रही है जैसे वे कुछ भी नहीं हैं। क्लाइड ने कहा यदि चीजें होना होतीं तो बहुत पहले ही हो गईं होतीं। वहीं एनसीपी-शरदचंद्र पवार गुट ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि प्रफुल्ल पटेल की टिप्पणी मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए एक जानबूझकर किया गया कुप्रयास है। शरद पवार ने भी सिद्धांत और कार्रवाई दोनों में बीजेपी की सरकार को समर्थन देने की किसी भी धारणा को बलपूर्वक खारिज कर दिया है। राजनीतिक प्रतिबद्धताओं के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का यह प्रमाण है। एनसीपी एसपी के मुख्य प्रवक्ता ने यह भी ​कहा अजित पवार को NCP का नाम और चुनाव चिन्ह् घड़ी मिलने के बाद भी शरद पवार के साथ महाराष्ट्र के लोगों की निष्ठा है।

एकनाथ ने की थी बगावत, इसके बाद गिरी गई थी MVM सरकार

बता दें कि पिछले साल 2023 के अक्टूबर में एक कार्यक्रम के दौरान प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि एनसीपी के अधिकांश नेता साल 2022 में महाराष्ट्र बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने की मंशा रखते थे। यह वही समय था जब एकनाथ शिंदे गुट की ओर से शिवसेना में बंटवारे के चलते उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की तत्कालीन सरकार गिर गई थी।

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