नेशनल हेराल्ड: ED के फेर में कैसे फंसे सोनिया और राहुल के साथ वाड्रा…जानें कितने मामलों में घिरा है गांधी परिवार?

National Herald ED Sonia and Rahul Robert Vadra

ED का एक्शन ईडी के फेर में कैसे फंसे सोनिया और राहुल के साथ वाड्रा…जानें कितने मामलों में घिरा है गांधी परिवार?

नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। जिसमें एसोसिएट्स जर्नल लिमिटेड एजेएल के तहत आने वाली 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को हड़पने का आरोप लगाया गया है। इसमें सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से भी जमीन के लेनदेन से जुड़े मामले में ईडी पूछताछ कर रही है। हालांकि यह पहली बार नहीं हो रहा है जब गांधी परिवार के सदस्यों के खिलाफ इस तरह कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ी हो। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर कुल मिलाकर करीब 20 से अधिक केस दर्ज हैं। जिन पर अलग-अलग चरण में कार्यवाही जारी है।

जानें आखिर क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?

दरअसल, नेशनल हेराल्ड एक अंग्रेजी अखबार था। जिसकी स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनके सहयोगी स्वतंत्रता सेनानियों ने मिलकर की थी। इसकी ओनरशिप एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पास था। नवजीवन हिंदी और कौमी आवाज उर्दू जैसे अखबार भी प्रकाशित करते थे। नेशनल हेराल्ड अखबार 2008 तक सक्रिय रहा। बाद में आर्थिक तंगी के कारण इसका प्रकाशन बंद कर दिया गया था।

जानें क्या है नेशनल हेराल्ड केस की टाइमलाइन

कर्ज में एसोसिएट्स जर्नल लिमिटेड और यंग इंडियन का गठन

साल 2008 तक एसोसिएट्स जर्नल लिमिटेड एजेएल पर करीब 90 करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका था। जिसे कांग्रेस पार्टी की ओर से साल 2002 से 2011 के बीच बतौर ऋण के रूप में दिया था। इसके बाद साल 2010 में ‘यंग इंडियन लिमिटेड’ YIL नाम की एक गैर-लाभकारी कंपनी का गठन किया गया। इस कंपनी में सोनिया गांधी के साथ ही राहुल गांधी की करीब 76% हिस्सेदारी रही थी। जबकि बाकी 24% हिस्सेदारी में दिवंगत मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम थे। यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये में AJL के 90 करोड़ रुपये के कर्ज का अधिग्रहण किया और इसके बदले AJL की 99 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल कर ली गई। इस सौदे के आधार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। जिसमें कांग्रेस नेताओं पर जानबूझकर साजिश के तहत 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों पर कब्जा करने का आरोप लगा।

बीजेपी का ये आरोप

बीजेपी आरोप लगाती है कि नेशनल हेराल्ड अखबार को लेकर एक कारपोरेट षड्यंत्र रचा गया। किस तरह से नेशनल हेराल्ड अखबार की पूरी संपत्ति हथिया ली जाए। इसकी साजिश रची गई। एक परिवार की ओर नेशनल हेराल्ड की पूरी संपत्ति हड़पने की साजिश रची। इसके लिए एक कंपनी बनाई गई। जिसका नाम यंग इंडिया कंपनी रखा गया। इस कंपनी में 38 परसेंट शेयर सोनिया गांधी का और 38 परसेंट ही शेयर राहुल गांधी का बाकी के शेयर मोतीलाल बोरा और दूसरे लोगों का था। बीजेपी कहती है कि यह इक्विटी शेयर 9 करोड़ के पूरे शेयर इस यंग इंडिया कंपनी को ट्रांसफर कर दिए गए। यह 9 करोड़ का ट्रांसफर होना बड़ी बात नहीं है। इस 9 करोड़ शेयर के ट्रांसफर होने के बाद हेराल्ड की पूरी प्रापर्टी यंग इंडिया के जरिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के हाथों में आ गई।

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