भारत देश अनूठी संस्कृति और धार्मिक भक्ति का केंद्र है. यहां पर कई ऐसे मंदिर है जो अपने चमत्कारों के चलते भक्तों में प्रसिध्द है. चलिए आज आपको ऐसे ही एक मंदिर के सफर पर लें चलते है जो सिर्फ चमत्कारी नहीं बल्कि रोमांचकारी भी है. राजस्थान के थार रेगिस्थान में बसे देशनोक गांव में मौजूद मां करणी का मंदिर अपने साथ कई रहस्य लिए हुए मौजूद है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर में लगभग 25,000 चूहों है. ये चूहे आएं कैसे ? आज तक पहेली का विषय बना हुआ है. विज्ञान भी इस पहेली को आजतक सुलझा नहीं पाया है. मंदिर बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. चलिए मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में आपको बताते हैं.
मां करणी का जन्म
मां करणी का जन्म जोधपुर के राजपरिवार में रिधुबाई के रूप में हुआ था. वे करणी’ मेहा जी चरण और देवल बाई की 6 वीं संतान थी. विवाह के बाद उनका संसार से मोह टूट गया था , वे तपस्वी का जीवन जीने लगी थी. विवाह के बाद तपस्वी का जीवन जीते हुए उन्होंने ‘अलौकिक घटनाओं’ के माध्यम से अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें ‘करणी’ नाम दिया गया.करणी मां को दुर्गा के अवतार के रूप में जाना जाता है. इतिहासकार बताते है कि मां करणी लगभग 151 सालों तक जीवित रही. तभी से आज तक उन्हें राजपूतों द्वारा पूजा जाता है.
बीकानेर के राजा ने करवाया था निर्माण
बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने बीसवीं शताब्दी में करणी माता मंदिर का निर्माण उत्तर मुगल शैली में करवाया था. इसके बाद समय समय पर कई लोग माता के मंदिर का जीर्णोध्दार करवाते आएं है. मंदिर में करणी माता की तस्वीर 75 सेंटीमीटर लंबी है, जो एक मुकुट (मुकुट) और फूलों की माला से सजाई हुई है.
मंदिर में मौजूद है 25, 000 चूहे
माता करणी के मंदिर में लगभग 25,000 चूहे मौजूद है. यह सारे चूहे सुबह औपर शाम को माता की आरती के समय अपने बिलो से निकलते है. मंदिर में बाकायदा चूहों के लिए प्रसाद में तरह तरह के पकवान बनाएं जाते है. बाद में चूहों को लगाएं भोग को भक्तजनों में वितरित कर दिया जाता है. खास बात यह है कि इतने चूहों होने के बावजूद मंदिर से किसी तरह की बदबू भी नहीं आती है न ही आज तक किसी भी भक्त को चूहों के कारण कोई बीमारी हुई है. मान्यता है कि जो इस मंदिर में जाता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
25,000 चूहों के पीछे जुड़ी है कहानी
मंदिर में मौजूद चूहों को लेकर एक कहानी बड़ी प्रचलित है. लोकल्स के अनुसार एक बार बीस हजार सैनिकों की टुकड़ी ने देशनोक पर हमला किया, माता ने अपनी शक्तियों से इन सैनिकों को चूहों में बदल दिया . इसके अलावा चूहों से जुड़ी एक और कहानी प्रचलित है, जिसके अनुसार करणी माता की सौतेला बेटा कपिल सरोवर में डूबकर मर गया था. जब मां करणी को यह पता चला तो उन्होंने यमराज से बेटे को जीवित करने की काफी प्रार्थना की. यमराज ने भी विवश होकर मां की संतान को चूहे के रूप में पुनजीर्वित कर दिया. तभी से इस मंदिर में चूहों का वास होने लगा.