संकट में अन्नदाता,सियासत पर उतरी कांग्रेस,किया सदन से वॉकआउट, सीएम ने बुलाई बैठक

मध्य प्रदेश में इन दिनों बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो रही है। जिसने किसानों की कमर तोड़ दी। बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गई। बर्बाद फसल का सर्वे कर किसानों को जल्द मुआवजा देने की मांग कांग्रेस कर रही है। इसे लेकर ​कांग्रेस ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को सदन में जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं विपक्ष ने सदन की कार्रवाई से वाकआउट भी किया। विपक्ष का आरोप है कि ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के बीच कोई मंत्री नहीं पहुंचा।

पूर्व मंत्री और दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा के दौरान ओलावृष्टि के चलते खराब हुई फसलों को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। जयवर्धन ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा अन्नदाता संकट में है। चिंता का विषय है तीन दिन से मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि हो रही है, लेकिन सरकार और मंत्री आंख बंद करके बैठे हैं। उन्होंने कहा गुना, अशोकनगर, मुंगावली में ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो गई है। मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में यही हा​लात बने हुए हैं। ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। लेकिन बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री और कोई मंत्री जमीनी स्तर पर नहीं जा रहे हैं। किसानों की क्षतिपूर्ति कैसे होगी। इसको लेकर विधानसभा में भी सदन में चर्चा की मांग की। मध्यप्रदेश में किसानों का शोषण हो रहा है। कांग्रेस किसानों के बकाया कर्ज और सभी बिल माफ करने की मांग करती है।

कटाई नहीं होने से किसानों को नुकसान

बता दें कटाई नहीं होने से फसल खेत में खड़ी। ऐसे में किसानों को नुकसान होने की आशंका है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने भी ट्वीट कर मूख्यमंत्री से किसानों की मदद का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि खरगोन, खंडवा, डिंडोरी समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भारी ओलावृष्टि से किसान तबाह हो गए हैं। वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह करते हैं कि प्रदेश के अन्नदाताओं को तत्काल मदद करें। फसल नुकसान के सर्वे का काम बाद में भी होता रहेगा। किसान अभी बड़ी परेशानी में हैं।

नकुल बोले अगली फसल के लिए मुफ्त में दिए जाएं बीज

वहीं कांग्रेस सांसद और पूर्व सीएम कमलनाथ के बेट नकुलनाथ ने भी सरकार से किसानों को अगली फसल के लिए मुफ्त बीज उपलब्ध करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश के कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भयानक नुकसान हुआ है। किसानों की स्थिति देखकर बीजेपी सरकार से बिना कोई सर्वे सीधे मुआवजा, केसीसी बैंक वसूली पर रोक लगाई जाए। बिजली बिल माफी हो।

विपक्ष का रुख देख सीएम ने बुलाई बैठक

वहीं विधानसभा में विपक्ष के तेवर दिखाने से पहले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों और मंत्रियों की बैठक बुलाई। जिसमें कहा गया कि प्रदेश के 20 जिलों में असमय बारिश और ओलावृष्टि की जानकारी आई है। 6 से 8 मार्च के लगभग हुई बारिश के दौरान पहले फेस का सर्वे पूरा हो चुका है। 16 से 19 मार्च तक दूसरे फेस का सर्वे शुरू हो चुका है। सीएम ने कहा सभी जगह सर्वे दल गठित हो चुके है और सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे दल में राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अमले को शामिल किया गया है।

बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देश

सीएम शिवराज ने कहा मध्यप्रदेश सरकार किसान भाई बहनों के साथ खड़ी है। सर्वे में लापरवाही ना हो। पूरी ईमानदारी से सर्वे किया जाए और किसी भी प्रकार की कोई गलती ना करें। रिवेन्यू, कृषि और पंचायत विकास के अमले को सर्वे में एक साथ शामिल करें। सर्वे पूरा होने के बाद सूची को पंचायत के दफ्तर में लगा दिया जाए। सर्वे होने के बाद किसी किसान की आपत्ति आती है तो उसका भी निराकरण किया जाए। पूरी ट्रांसपेरेंसी के साथ, संवेदना के साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के साथ है। सीएम ने कहा आरबीसी 6-4 के अंतर्गत फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी। पशु हानि की भी सूचना आई है। पशु हानि के भी नुकसान की भरपाई मध्यप्रदेश सरकार करेगी। फसल सर्वे का पूरा काम 25 मार्च तक हो जाएगा।

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