एमपी में महिलाओं की बढ़ती मतदान में हिस्सेदारी पर सियासी दलों की नजर

MP Assembly Election Women

मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। इससे पहले सत्तारुढ़ बीजेपी और विपक्ष में बैठी कांग्रेस दोनों ही दलों की नजर महिला मतदाताओं पर है। दोनों ही पार्टियां महिला मतदाताओं को लुभाने के भरसक प्रयास में जुटी हैं।
बीजेपी और कांग्रेस महिला मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए हर दिन नई घोषणा और वादों का पिटारा खोल रही हैं। सीएम शिवराज ने लाडली बहना योजना लाकर मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है तो वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ प्रस्तावित नारी सम्मान योजना के जरिये अपनी पार्टियों को सत्ता में लाने की कोशिश कर रहे हैं।

अमूमन महिलाओं को आधी आबादी के तौर पर देखा जाता है लेकिन जब चुनाव आते हैं तो ये आधी आबादी मतादाता में बदल जाती है। पहले कभी चुनाव में महिलाओं को अहमियत कम ही मिलती रही है, लेकिन अब माहौल बदल रहा है। धीरे-धीरे चुनावी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है। ये आधी आबादी अब सत्ता बनाने और बदलने का भी माद्दा रखती है। जिसके चलते सियासी दलों की नजर अब महिला मतदाताओं पर है। अब महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए चुनावी वादे किए जाने लगे हैं। उनके लिए योजनाएं लाई जाने लगीं हैं।

मप्र में महिला मतदाताओं की संख्या

मध्य प्रदेश की चुनावी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ साल की बात करें तो न सिर्फ महिला वोटरों की संख्या में वृद्धि हुई है बल्कि चुनाव के दौरान महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ा है। चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में करीब 5 करोड़ 39 लाख मतदाता हैं। जिनमें से करीब 2 करोड़ 60 लाख यानी 48 प्रतिशत से अधिक संख्या महिला मतदाताओं की है। आंकड़ों पर गौर करें तो पांच साल में करीब 35 लाख से ज्यादा मतदाता बढ़े हैं। जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 19 लाख है तो 16 लाख पुरुष मतदाता है। इतना ही नहीं मध्य प्रदेश के 41 जिले ऐसे हैं जहां महिला मतदाताओं की तादात पुरुष मतदाताओं से अधिक है। यही नहीं कुछ साल पहले तक हर 1 हजार पुरुष मतदाता पर 926 महिला मतदाता हुआ करती थीं। लेकिन इस आंकड़े में भी वृद्धि हुई है। अब मप्र में ये आंकड़ा बढ़कर 931 महिलाओं का हो गया है। इनके अलावा चुनाव में महिला मतदाताओं की हिस्सदेारी के आंकड़ों पर गौर करें तो ये आंकड़े भी सियासी दल की आंखों की चमक बढ़ाने वाले हैं। साल 2018 के चुनाव में 74% महिला मतदाताओं ने घर से निकलकर मतदान में हिस्सा लिया था। जबकि 2013 के चुनाव में चार ​फीसदी कम यानी करीब 70% महिला मतदाता घर से वोट डालने निकली थीं। ऐसे में 2013 के बाद हुए चुनाव में यानी पांच साल बाद ही महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 4 फीसदी तक बढ़ हुआ दर्ज किया गया था।

महिला मतदाताओं के लिए लुभावने वादे और दावे

भोपाल के जम्बूरी मैदान में पिछले दिनों एक बड़ा कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के हित में कई घोषणाएं की थी। बता दें शिवराज सरकार ने मार्च 2023 में लाडली बहना योजना शुरू की थी। योजना के तहत महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये दिए जाने का ऐलान किया गया, ये राशि मिलने भी लगी है जिसमें चुनाव से पहले अब 250 रुपये की वृद्धि कर दी गई है। सीएम शिवराज ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि आने वाले अक्टूबर माह से अब हर महीने महिलाओं को 1,250 रुपये मिलेंगे। सीएम शिवराज ने इसके साथ ही महिलाओं को सस्ता गैस सिलेंडर भी देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि सावन में 450 रुपये में गैस सिलेंडर दिया जाएगा। राज्य सरकार महिलाओं के खातों में हर माह 600 रुपये जमा करेगी। जिससे उन्हें सिलेंडर 450 रुपये में मिला करेगा। इसके अलावा पुलिस ही नहीं दूसरी भर्तियों में भी महिलाओं को अब 30 के स्थान पर 35% आरक्षण देने का ऐलान किया है। वहीं शिक्षकों के पदों पर भी महिलाओं उम्मीदवारों को 50% आरक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही छोटी बड़ी कई योजनाएं हैं जिनका लाभ महिलाओं को मिलेगा।

सत्तारुढ़ बीजेपी ही नहीं विपक्ष में बैठी कांग्रेस की नजर भी महिला मतदातओं पर है। मार्च 2023 में जब सीएम शिवराज ने लाडली बहना योजना का ऐलान किया तो मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सीएम कमलनाथ ने नारी सम्मान योजना का ऐलान करते हुए कई तरह के लाभ दिये जाने का एलान कर दिया। इसके साथ ही पिछले दिनों 27 अगस्त को सीएम शिवराज ने जब कई सारी घोषणाओं का एलान किया तो पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी घोषणाओं की झड़ी लगा दी। कमलनाथ ने नारी सम्मान योजना को​ फिर दोहराते हुए ऐलान कर दिया कि मध्य प्रदेश में यदि कांग्रेस सरकार बनी तो महिलाओं को हर महीने पन्द्रह सौ रुपये दिए जाएंगे। कांग्रेस की सरकार बनने पर मुफ्त बिजली दी जएगी। कांग्रेस की सरकार बनने पर 100 यूनिट तक बिजली फ्री दी जाएगी।

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