मध्यप्रदेश की डॉ.मोहन यादव सरकार का पूरा फोकस इस समय निवेश और रोजगार पर है। देशी और विदेशी निवेश के लिए मध्यप्रदेश की धरती पर सकारात्मक माहौल बनाया जा रहा है। स्वभाविक है निवेश बढ़ेगा तो एमपी में उद्योग स्थापित होंगे। उद्योग स्थापित होंगे तो युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसी लिहाज से एमपी की राजधानी भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश और विदेश के निवेशकों को आमंत्रण दिया गया है।
- मोहन सरकार ने खोला निवेशकों के लिए पिटारा
- उद्योगपतियों के लिए कई सौगात का किया ऐलान
- नई उद्योग संवर्धन नीति को दी कैबिनेट ने मंजूरी
- पांच सालों में खर्च करेगी 13 हजार 719 करोड़ रुपए
- निवेश प्रोत्साहन पर 81 फीसदी राशि होगी खर्च
- मध्यप्रदेश में 20 लाख नए रोजगार का अवसर होंगे पैदा
वहीं इंवेस्टरर्स समिट के पहले ही मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने उद्योगपतियों को निवेश के लिए कई रियायतों का ऐलान किया है। राज्य सरकार प्रदेश में निवेशकों को बिजली, इंफ्रस्ट्रक्चर, माल परिवहन पर करोड़ों की रियायत देने जा रही है। हाल ही में मोहन कैबिनेट की बैठक में भी उद्योग, निर्यात, लॉजिस्टिक, पर्यटन, टेक्सटाइल करीब 10 नीतियों को मंजूरी दी गई है।
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार की ओर से टैक्सटाइल नीति, कृषि डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण नीति, हाई वेल्यू एंड निर्माता, ईव्हीकल विनिर्माण नीति, मेडिकल डिवाईसेस नीति, नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण नीति,बॉयोटेक्नालॉजी पॉलिसी, एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति , फुटवेयर के साथ खिलौना उद्योग नीति को मंजूरी प्रदान की गई है। इतना ही नहीं राज्य सरकार ने नई लॉजिस्टक नीति को भी अपनी मंजूरी दे दी है। इस पर राज्य सरकार अगले पांच साल में 567 करोड़ रुपए खर्च करेगी।