मतदान से पहले कर्नाटक में मिल्क वॉर से चढ़ा सियासी पारा,अमूल बनाम नंदिनी

Amul vs Nandini

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच राज्य में अमूल के उत्पादों को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक में दूध पर जंग शुरू हो गई है। अमूल ने कर्नाटक के बाजारों में दूध और दही जैसे उत्पाद बेचने का फैसला किया है। जिसका बेंगलुरु होटल एसोसिएशन ने विरोध किया है। साथ ही विपक्ष ने इस विवाद को राजनीति में भी तब्दील कर दिया है। मतदान से पहले राज्य में मिल्क वॉर ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। तमिलनाडु में दही विवाद के बाद अब कर्नाटक में दूध का विवाद चरम पर पहुंच गया। दो बड़े दूध ब्रांड आमने-सामने आ गए हैं। अमूल मिल्क और नंदिनी दूध पर राजनीति गरमा गई है। अमूल बनाम नंदिनी ने सियासत गरमा दी है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में आम मुद्दे के बजाय दूध का मुद्दा गरमा गया है। एक तरफ अमूल कंपनी और दूसरी तरफ नंदिनी।

बीजेपी का आरोप, दुष्प्रचार कर रही कांग्रेस

बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस गलत प्रचार कर रही है। कनार्टक में अमूल एंट्री नहीं कर रहा है। दरअसल कर्नाटक राज्य में दूध पर राजनीतिक लड़ाई। पैकेट वाला दूध ‘अमूल’ और ‘नंदिन’ बेचने वाली दो कंपनियों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में खींचतान चल रही है. भाजपा ने रविवार को कांग्रेस पर ‘अमूल’ दूध ब्रांड के अस्तित्व को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कुछ आंकड़ों के साथ इसका जवाब दिया।

बीजेपी का दावा -केएमएफ का कारोबार 10000 करोड़ रुपये बढ़ा

बीजेपी की आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय का कहना है अमूल कंपनी कर्नाटक में प्रवेश नहीं कर रही है। रविवार रात एक ट्वीट कर कहा कि अमूल और केएमएफ दोनों अपने उत्पाद फास्ट-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री करते हैं। मालवीय ने कहा कि 2019 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से केएमएफ का कारोबार 10,000 करोड़ रुपये बढ़ गया है। 2022 में कंपनी का टर्नओवर 25 हजार करोड़ रुपए था। जिसमें से 20 हजार करोड़ रुपए कर्नाटक में किसानों को वापस गए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के राज्य में कर्नाटक दूध के मामले में सरप्लस राज्य बन गया है। डेयरी किसान बहुत अच्छा कर रहे हैं। नंदिनी ब्रांड के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाली कांग्रेस ने गोहत्या रोकने के कानून का विरोध किया था। बीजेपी की योजना नंदिनी को बड़ा ब्रांड बनाने की है।

चुनाव के बीच कांग्रेस इस मुद्दा बनाने पर तुली

बीजेपी ने कहा कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन यानी केएमएफ देश की दूसरी सबसे बड़ी दुग्ध सहकारी संस्था है। महाराष्ट्र और गोवा सहित कई राज्यों में इसके डिपो हैं। कुल बिक्री का 15 प्रतिशत कर्नाटक राज्य के बाहर है। अमूल और केएमएफ के विलय जैसी कोई चीज नहीं है। दरअसल बीते 5 अप्रैल को अमूल कंपनी की ओर से एक ट्वीट किया गया था। जिसमें कंपनी ने बेंगलुरु में ऑनलाइन मिल्क डिलीवरी शुरू करने का संकेत दिया था। कांग्रेस ने अमूल के ट्वीट के सहारे बीजेपी पर निशाना साधा है। चुनाव के बीच कांग्रेस इस मुददा बनाने पर तुली है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी गुजराती कंपनी अमूल के जरिए कर्नाटक में नंदिनी कंपनी का दबदबा खत्म करना चाहती है।

अमूल के खिलाफ सड़क पर उतरा होटल एसोसिएशन

अमूल उत्पादों को कर्नाटक में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अमूल के खिलाफ अब बेंगलुरु होटल एसोसिएशन भी मैदान में उतर गया है। एसोसिएशन ने होटल मालिकों से अमूल के उत्पादों का बहिष्कार करने की भी अपील की है। बेंगलुरु होटल एसोसिएशन ने शहर के होटलों से अमूल के उत्पादों का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की है। एसोसिएशन ने कहा है कि सभी होटल लोकल ब्रांड नंदिनी के उत्पादों का ही इस्तेमाल करें। एसोसिएशन के अध्यक्ष पी सीरव ने सभी होटल व्यवसायियों से कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के डेयरी ब्रांड नंदिनी का उपयोग करने और डेयरी किसानों को अपना समर्थन देने को कहा है। पीसी पाव ने कहा कि हम अमूल के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अब कर्नाटक में दूध और दही जैसे उत्पाद बेचने के उनके फैसले का विरोध कर रहे हैं। यह हमारे नंदिनी ब्रांड को नुकसान पहुंचा सकता है। नंदिनी के दूध और दही से बने पदार्थों का ही प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि प्रदेश के डेयरी किसानों विशेषकर महिलाओं के हितों की रक्षा करना संघ का सामाजिक दायित्व है।

Exit mobile version