यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर ने देश की सबसे पुरानी पार्टी पर एक गंभीर आरोप लगाया है. आरोप है कि सोनिया गांधी के इलाज के लिए एम.एफ हुसैन की एक पेंटिंग को जबरन बेचना पड़ा. प्रियंका गांधी ने यह पेंटिंग को यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर को बेची. राणा कपूर पर पेंटिंग खरीदने का दबाव एक कांग्रेस नेता ने बनाया था. पेंटिंग से प्राप्त हुई 2 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग सोनिया गांधी के इलाज के लिए किया गया था.
यह आरोप राणा कपूर ने ईडी की एक विशेष कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र में लगाए हैं. अब इस पूरे विवाद में महान चित्रकार एम.एफ हुसैन नाम जुड़ गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मशहूर चित्रकार एमएफ हुसैन कौन थे. तो चलिए आपको बताते हैं एम. एफ हुसैन के बारे में…कहते हैं कलाकार तारीफ का मोहताज नहीं होता, बल्कि कलाकार तो सरताज होता है खुद की सादगी का. इन्हीं में से एक नाम है एम.एफ हुसैन का. कहते हैं कि एक अच्छा चित्रकार समाज के हर पहलू को अपने चित्रों में जीवंत कर सकता है. मकबूल फिदा हुसैन जिन्हें आप और हम सब एम.एफ हुसैन के नाम से ज्यादा पहचानते हैं. उन्हीं मे से एक हैं. एम. एफ हुसैन को भारत का पिकासो भी कहा जाता है.
महाराष्ट्र के पंढारपुर में हुआ जन्म
मकबूल फिदा हुसैन का जन्म 17 सितंबर 1915 को महाराष्ट्र के एक छोटे से कस्बे पंढारपुर में हुआ था. हुसैन बहुत छोटे थे जब उनकी मां का देहांत हो गया. इसके बाद उनके पिता इंदौर चले गए जहां हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा हुई. अपने संघर्ष के लिए हुसैन मुंबई चले गए. अपने करियर के शुरूआती दिनों में हुसैन ने भी कई पापड़ बेले हैं. हुसैन संघर्ष के दिनों में फिल्मों के लिए होर्डिंग बनाया करते थे, लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब निर्माता अहसान मियां ने उन्हें बाहर का दरवाजा दिखा दिया था.
निर्देशक बनना चाहते थे हुसैन
हुसैन निर्देशक बनना चाहते थे. शुरुआत में मुंबई में अपना खर्च चलाने के लिए वह बिलबोर्ड बनाने का काम करते थे. होर्डिंग बनाते समय ही हुसैन का चित्रकला के लिए प्यार जागा और फिर उन्होंने अपना पूरा ध्यान इसी तरफ लगा दिया. हालांकि हुसैन का पहला प्यार चित्रकारी नहीं थी, बल्कि सिनेमा था. वह मोहब्बत तो सिनेमा से करते थे, लेकिन इश्क का इजहार चित्रकारी से कर दिया. वह मुंबई भी इसलिए गए थे कयोंकि वह निर्देशक बनना चाहते थे. साल 1940 में 1940 में उन्हें अपने बनाए चित्रों की वजह से राष्ट्रीय रूप से पहचान मिली. उनकी पहली एकल प्रदर्शनी 1952 में ज्यूरिख में हुई. इसके बाद यूरोप और अमेरिका में उनकी कलाकृतियों की अनेक प्रदर्शनियां लगीं.
धक-धक गर्ल के दिवाने थे हुसैन
जिस मशहूर चित्रकला की पूरी दुनिया दीवानी थी वो ए.एफ हुसैन धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित का दिवाना थे. वे माधुरी की फिल्म हम आपके हैं कौन 67 बार देख चुके थे. इस फिल्म को देखने के बाद हुसैन ने उनके ऊपर पेंटिंग की पूरी सीरीज बना डाली थी. वे माधुरी के लिए इस कदर दिवाने थे कि आजा नचले के साथ जब माधुरी दीक्षित ने दोबारा बॉलीवुड में एंट्री की तो उन्होंने शो को देखने के लिए दुबई के लैम्सी सिनेमा को पूरा अपने लिए बुक करा लिया था. दरअसल, उस वक्त वे दुबई में थे. साल 2006 से एम. एफ लंदन में रहने लगे.यहां 9 जून साल 2011 को भारत के सबसे महंगे पेंटर एम. एफ हुसैन ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.