जून का महीना आते आते महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर एक बार फिर सियासी घमासान छिड़ने के आसार नजर आ रहे हैं। पिछले साल 2022 में जून के ही महीने में शिवसेना के 35 विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में
बगावत कर दी थी। इसके बाद सियासी घटनाक्रम तेजी से बदला और तत्कालीन उद्धव सरकार गिर गई थी।
- पिछली जून में गिरी थी उद्धव सरकार
- जलगांव की चुनावी रैली में बोले ठाकरे
- शिंदे-फडणवीस सरकार का डेथ वारंट जारी
- क्या एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी बीजेपी
राज्य में शिवसेना के एक धड़े ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। शिंदे सीएम बने तो देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम। अब एक साल बाद फिर सियायत गरमाने के आसार नजर आ रहे हैं। दरअसल राज्य के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने दावा किया है कि महाराष्ट्र कर एकनाथ शिंदे सरकार कभी भी गिर सकती है। राज्य में कभी भी चुनाव हो सकते हैं और उनकी पार्टी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। पिछले दिनों जलगांव में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने यह टिप्पणी की है।
संजय राउत भी कर चुके हैं शिंदे सरकार गिरने का दावा
बता दें संजय राउत ने भी यहीं बात कही थी। संजय राउत ने भी दावा किया था कि आने वाले 15 से 20 दिन में शिंदे फडणवीस सरकार गिर जाएगी। संजय राउत ने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार का एक तरह से डेथ वारंट जारी हो चुका है। महज तारीख का ऐलान होना शेष है। राउत ने कहा उन्होंने पहले ही कहा था कि शिंदे सरकार फरवरी में गिर जाएगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले में देरी के कारण इस सरकार की लाइफलाइन बढ़ गई।
उद्धव ठाकरे का बीजेपी पर चोरी का आरोप
वहीं उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर चोरी का आरोप लगाया और कहा आपके पास अपना कोई आदर्श नहीं है। आपका अपना कोई नेता नहीं है। इसलिए आप दूसरों के आदर्शों को चुराएं और किसी की मां का नाम चुराएं। किसी के पिता का नाम चुराएं। फिर चुनाव लड़ें। ठाकरे ने कहा उन्होंने पहले भी भाजपा को बताया और चुनौती दी है और आज वे इसे दोहराते हैं। फिर से महाराष्ट्र भाजपा को यह घोषणा करनी चाहिए कि क्या वह आगामी चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ेगी।
जून में सियासत की सालगिरह
दरअसल, महाराष्ट्र में बीते साल जून में शिवसेना के 35 विधायकों ने बगावत कर दी थी। इसके चलते उद्धव सरकार संकट में आ गई थी। राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे से बहुमत साबित करने के लिए कहा था, जिसके बाद उद्धव ने इस्तीफा दे दिया था। तब एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ सरकार बनाई थी। बता दें पिछले साल जून 2022 में शिवसेना के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी नेताओं ने बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया था। जिससे राज्य में गठबंधन सरकार बनाने के बाद पिछले ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था। चुवहीं नाव आयोग ने साल 2023 की शुरुआत में शिवसेना का आधिकारिक चुनाव चिन्ह धनुष-तीर और पार्टी का नाम शिंदे गुट को दे दिया। इसके बाद ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह वापस करने की मांग की। यह मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।