महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन ने हिंसा का रूप ले लिया है। मराठा आंदोलन के चलते हो रही हिंसा की आग अब विधायक के घर तक पहुंच गई है। विधायक के साथ एक पार्षद के घर को हिंसक भीड़ ने आग में झोंक दिया। वहीं आंदोलन और हिंसा के बीच राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे राज्यपाल से मिलने राज्यभवन पहंचे तो वहीं विपक्ष दल ने भी राज्यपाल से मिलकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अपील की। इस दौरान सीएम एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल को राज्य के मौजूदा हालात से अवगत कराया। वहीं बाद में सीएम एकनाथ शिंदे से मिलने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी वर्षा बंगले पर पहुंचेे।
- महाराष्ट्र में हिंसक होता मराठा आंदोलन
- मराठा आंदोलन के चलते हो रही हिंसा
- विधायक के घर तक पहुंची आग की लपटें
- विधायक के साथ एक पार्षद के घर को लगाई आग
- सीएम एकनाथ शिंदे ने की राज्यपाल से मुलाकात
- विपक्ष दल ने भी राज्यपाल से मिले
- विपक्ष ने की विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अपील
दरअसल महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का विरोध हो रहा है। इस विरोधी ने हिंसा और आगजनी का रुप ले दिया है। स्थानीय पुलिस के अनुसार कोटा अधिकारों की वकालत करने वाले प्रदर्शनकारियों ने हिंसक गतिविधियों का सहारा लिया है। जिसमें तीन विधायकों के घरों और कार्यालयों में आग लगाना और तोड़फोड़ करना शामिल है। इसके साथ ही एक नगर परिषद भवन को निशाना बनाना और सड़क यातायात को बाधित करना शामिल है। इस बीच बीड कलेक्टर दीपा मुधोल मुंडे ने अगली सूचना तक जिले के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया है। वहीं बीड में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गईं हैं। प्रभावित क्षेत्रों में जन प्रतिनिधियों और मंत्रियों के आवासों और कार्यालयों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए। हिंसा और आगजनी की ये घटनाएं मुख्य रूप बीड और छत्रपति संभाजीनगर जिलों से सामने आईं। जहां स्थानीय प्रशासन ने कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है। इस बीच मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने जालना जिले के एक गांव में आरक्षण की मांग के समर्थन में अपना अनिश्चितकालीन उपवास जारी रखा। उपवास के छठे दिन जारांगे की हालत बिगड़ गई। जिसके कारण वह मंच पर गिर पड़े थे।
राजनीतिक नेताओं के कार्यालय क्षतिग्रस्त
आंदोलन में शामिल भीड़ आगजनी और बर्बरता के विभिन्न कृत्यों में लगी रही। जिसमें राष्ट्रवादी भवन एनसीपी कार्यालय में आग लगाना एक ज्वैरी की दुकान को निशाना बनाना और विभिन्न दलों के राजनीतिक नेताओं के कार्यालयों को नुकसान पहुंचाना शामिल था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता के घर के बाहर इकट्ठा हुए मराठा आंदोलनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का भी इस्तेमाल करना पड़ा। इसके अलावा बीड में स्थानीय एनसीपी कार्यालय में आग लगा दी गई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो विधायकों के घरों में आग लगा दी गई। बीड जिले के माजलगांव शहर में राकांपा विधायक सोलंकी के आवास में आग लगा दी गई और कोटा आंदोलनकारियों के एक समूह ने पथराव भी किया। यह घटना विधायक की एक ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद हुई। जिसमें वह मराठा आरक्षण आंदोलन को कमतर आंकते दिखे और अनशन कर रहे कोटा कार्यकर्ता जारांगे पर परोक्ष रूप से टिप्पणी करते दिखे। वहीं सत्तारूढ़ बीेपी के एक अन्य विधायक के कार्यालय में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की गई। हालांकि यह अच्छी बात रही किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है।
नगर परिषद भवन में आग लगा दी गयी
इसके बाद भीड़ मजलगांव नगर परिषद भवन की ओर बढ़ी, जहां उन्होंने पहली मंजिल पर आग लगा दी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। ऐसे में फायर ब्रिगेड कर्मी तुरंत पहुंचे और बिना किसी हताहत के आग बुझा दी। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बीड जिले में राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक कंपनी तैनात की गई थी। बीड जिले में कई स्थानों पर कोटा समर्थक विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
एक्सप्रेस वे पर यातायात बाधित
प्रदर्शनकारियों ने समृद्धि एक्सप्रेसवे और सोलापुर-अक्कलकोट राजमार्ग पर भी यातायात बाधित किया और छत्रपति संभाजीनगर जिले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रशांत बंब के कार्यालय में तोड़फोड़ की। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे, जो अपने उपवास के छठे दिन थे, ने प्रदर्शनकारियों से हिंसा और आगजनी में शामिल होने से बचने की अपील की। बता दें मराठा समुदाय के सदस्य ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।