मैं शपथ लेता हूं….डॉ.मोहन यादव सीएम और दो डिप्टी सीएम ने ली पद और गोपनीयता की शपथ

Madhya Pradesh Government CM Dr. Mohan Yadav

मध्यप्रदेश में अब नए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ला ने शपथ ले ली है। जल्द ही मंत्रिमंडल का भी गठन कर दिया जाएगा। बीजेपी ने एमपी में राजनीतिक मजबूरी के चलते प्रधानमंत्री के भाषणों से हटकर भारत की परंपरागत जाति व्यवस्था के लिहाज से राज्य सरकार का चेहरा तय किया है। माना जा रहा है कि शीघ्र ही सीएम डॉ.मोहन यादव अपने मंत्रीमंडल में इसकी और स्पष्ट छवि देखा सकते हैं। दरअसल मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीट हैं। जिनमें 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 28 सीट जीती थी। माना जा रहा है कि इस बार सभी 29 सीट पर कमल खिलाने के लिए बीजेपी को जातियों का सहारा लेना ही पड़ेगा।

इस तरह अपर कास्ट के मतदाताओं को साधने के लिए ग्वालियर चंबल क्षेत्र से आने वाले बीजेपी के दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बना कर नया संदेश देने का प्रयास किया गया है। यहां बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से जातीय जनगणना का दांव चला और ओबीसी वर्ग को साधने का प्रयास किया। इसका जवाब देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में जाति की नई परिभाषा गढ़ते हुए कांग्रेस पर पलटवार किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तब कहा था कि उनके लिए सबसे बड़ी जातियां नारी हैं, युवा हैं, किसान और गरीब हैं। जिनके उत्थान से ही भारत को विकसित बनाया जा सकता है। पीएम ने कहा चारों जातियां जब सभी समस्याओं से मुक्त होंगी और मजबूत होंगी तो स्वाभाविक रूप से देश की हर जाति मजबूत होगी और पूरा देश सशक्त होगा।

23 के सहारे 24 का चुनाव जीतने की कवायद

भाजपा ने छह महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 पर नजर रखते हुए मप्र में नई सरकार के जरिए जातिगत समीकरण को साधने का प्रयास किया है। सियासी जानकरों की माने तो बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की अभी से बिसात बिछाते हुए सरकार के नए चेहरे तय कर दिए हैं। सीएम डॉ.मोहन यादव के साथ मध्य प्रदेश में लंबे समय बाद दो डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ब्राह्मण वर्ग और जगदीश देवड़ा दलित वर्ग के साथ मिलकर सरकार चलाने का काम करेंगे। मप्र विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी क्षत्रिय वर्ग नरेंद्र सिंह तोमर क्षत्रिय को दी जा रही है। हालांकि नरेन्द्र सिंह तोमर सीएम की कुर्सी के दावेदार थे। लेकिन बीजेपी ने एक ओबीसी चेहरे शिवराज सिंह चौहान को कुर्सी से हटाकर दूसरे ओबीसी चेहरे डॉ.मोहन यादव को सीएम का पद देकर लोकसभा चुनाव के लिहाज से बड़ा दांव चला है।

इसलिए चुना ओबीसी सीएम?

बीजेपी अलाकमान ने एमपी में एक ओबीसी की जगह दूसरे ओबीसी नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी दी है। इसके पीछे क्या मजबूरी थी? यह जानना जरुरी है। दरअसल मध्य प्रदेश में करीब 50 फीसदी ओबीसी मतदाता रहते हैं। बीजेपी ने चुनाव में 68 ओबीसी नेताओं को टिकट देकर मैदान में उतारा था। जिसमें से 44 जीते। कांग्रेस की ओर से 59 ओबीसी नेताओं को टिकट दिए थे। जीतकर सिर्फ 16 विधानसभा पहुंचे। राज्य की करीब 72 सीटों पर ओबीसी आबादी 40 फीसदी से अधिक है। बीजेपी ने इनमें से 50 में जीत दर्ज की है। इन 72 विधानसभा सीटों में मध्य प्रदेश की 20 लोकसभा सीट शामिल हैं।

देवड़ा को इसलिए किया प्रमोट?

जगदीश देवड़ा मालवा की राजनीति में बेहद सक्रिय राजनेता और बड़ा दलित चेहरा हैं। वे आठ बार से लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं। जिसकी बदौलत मंदसौर और मालवा क्षेत्र में उनका राजनीतिक दबदबा कायम रहा और अब उन्हें डिप्टी सीएम का जिम्मा सौंपा गया है। उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा दलित वर्ग से आते हैं। मालवा-निमाण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं जगदीश देवड़ा बीजेपी का बड़ा दलित चेहरा हैं।एमपी में करीब 20 से 22 फीसदी दलित मतदाता हैं। जिन्हें साधने के लिए बीजेपी ने देवड़ा को पदोन्नत कर दिया है।

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