शिवराज कैबिनेट विस्तार,विंध्य,महाकौशल और बुंदलखंड साधने की कोशिश

लंबी जद्दो जहद के बाद आखिरकार शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। शनिवार की सुबह राजभवन में एक सादे समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गौरीशंकर बिसेन, राजेन्द्र शुक्ल और राहुल सिंह लोधी को मंत्री पद की शपथ दिलाई। कयास लगाए जा रहे थे कि चार विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कियाजाएगा लेकिन सीएम शिवराज ने तीन विधायकों को ही मं​त्री के रुप में अपनी कैबिनेट में शामिल किया है। इससे पहले शिवराज मंत्रिमंडल में 35 में से चार पद खाली थे। एक पद अब भी खाली रखा गया है।

मंत्रिमंडल विस्तार में इससे सरकार से जातिगत, क्षेत्रीय समीकरण  साधने के साथ ही नाराजगी दूर करने की कोशिश की है। राजेन्द्र शुक्ल के जरिए सीएम शिवराज की नजर विंध्य के ब्राह्मण वोटों पर है। 2018 के चुनाव में बीजेपी ने विंध्य की 30 में से 24 सीटें जीतीं थीं। महाकौशल को साधने के लिए गौरीशंकर बिसेन को मंत्री बनाया गया है। मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में ओबीसी वोटर भी हैं। ऐसे में बिसेन को मंत्री बनाकर ओबीसी वर्ग को साधने की रणनीति बनाई जा रही है। वहीं राहुल सिंह लोधी के जरिए बुंदेलखंड जीतने की रणनीति पर शिवराज चल रहे हैं। पूर्व सीएम उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी पहली बार के विधायक हैं।बुंदेलखंड के अलावा ग्वालियर चंबल में भी बड़ी संख्या में लोधी वोटर हैं। राहुल लोधी को मंत्री बनाकर भाजपा बुंदेलखंड के साथ ही ओबीसी वोटर को साध रही है।

महाकौशल पर बीजेपी का खोस फोकस

गौरीशंकर बिसेन ओबीसी वर्ग से आते हैं। अभी वे मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी हैं। उनका जन्म 1952 में बालाघाट में हुआ था। बिसेन ने 7 बार विधायक हैं। लोकसभा का चुनाव भी जीत चुके है। बिसेन ने 1985 में विधानसभा का चुनाव जीत कर राजनीतिक सफर की शुरुआत की। इसके बाद 1990 और 1993 में बालाघाट से लगातार 3 बार विधानसभा चुनाव जीते। 1998 में उनकी पत्नी बालाघाट से विधानसभा चुनाव लड़ीं थी, हालांकि चुनाव हार गईं। गोरीशंकर बिसेन 2003 से बालाघाट सीट से लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं। बता दें महाकौशल क्षेत्र में बड़ी संख्या में ओबीसी मतदाता हैं। बिसेन को मंत्री बनाकर बीजेपी ने ओबीसी वर्ग को साधने की रणनीति बनाई जा रही है।

विंध्य में ब्राह्मण वोटों पर नजर

रीवा से विधायक राजेंद्र शुक्ल को फिर मंत्री बनाया गया है। रीवा में जन्में राजेन्द्र शुक्ल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर साल 2003 में चुनावी राजनीति में उतरे और विधानसभा चुनाव जीते।। इसके बाद 2008 और 2013 में भी विधानसभा चुनाव जीते। साल 2013 में शुक्ल को मंत्री बनाया गया। 2018 में भी चुनाव जीते थे,लेकिन तब उन्हें मंत्री नहीं बनया गया अब उन्हें कुर्सी मिली है। शुक्ला विंध्य में पार्टी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा मानाहैं। पार्टी को विधानसभा चुनाव में विंध्यअंचल में कांग्रेस से कांटे की टक्कर मिल रही है। ऐसे में आम आदमी पार्टी भी वहां टक्कर दे रही है। सिंगरौली महापौर सीट बीजेपी के हाथ से निकल गई। इसे क्षेत्र में पार्टी के प्रति नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है।पहले किये गये सर्वे की रिपोर्ट भी पार्टी की स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में अब शुक्ल को मंत्री बनाकर जनता को साधने की कोशिश की जा रही है।

बुंदेलखंड में लोधी वोटर्स गेम चेंजर

लोधी साधेंगे बुंदेलखंड और लोधी वोट

पहली बार के विधायक राहुल सिंह लोधी को शिवराज कैबिनेट में स्थान मिला है। वे 2018 में खरगापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे। राहुल लोधी पूर्व सीएम उमा भारती के भतीजे हैं। बता दें बुंदेलखंड और ग्वालियर चंबल में बड़ी संख्या में लोधी वोटर हैं। राहुल लोधी को मंत्री बनाकर भाजपा बुंदेलखंड के साथ ही ओबीसी वोटर को साधने की कोशिश में जुटी है।

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