एमपी विधानसभा का मानसून सत्र,होगी आरोप-प्रत्यारोप की बारिश, क्या बैकफूट पर होगी शिवराज सरकार

मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 11 जुलाई से शुरु हो रहा है। सत्र के दौरान जहां सदन के बाहर जहां मानसून बारिश का मौसम होगा तो वहीं सदन के अंदर आरोप प्रत्यारोप की बारिश होगी। विधानसभा में पक्ष और विपक्ष की तरफ से करीब साढ़े तीन हजार सवाल पहुंचे हैं। पहले विधानसभा का ये सत्र 10 जुलाई से शुरु होना था, लेकिन अब ये सत्र 11 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक चलेगा। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नवंबर दिसंबर में होना है लिहाजा विधानसभा का ये अंतिम सत्र होगा। ऐसे में विपक्ष ने पुरजोर तरीके से सरकार को कठघेरे में खड़ा करने के लिए तैयारी की है।

सतपुड़ा भवन के अग्निकांड और आदिवासी अत्याचार के विरोध की आग सत्ता पक्ष को विधानसभा के आखिरी सत्र में झेलनी पड़ेगी। इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस शिवराज सरकार को विधानसभा के सत्र में भी घेरेगी। आदिवासियों को लेकर हो रहे अपराध, प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दाें को लेकर कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक विधायक सदन में सवाल करते नजर आएंगे। वहीं सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की तैयारी की है। पिछले दिनों सीएम शिवराज ने अपनी कैबिनेट के साथ टिफिन डिनर के दौरान इस पर चर्चा की। सीएम ने कैबिनट के सहयोगियों से कहा है कि वे सत्र के दौरान सदस्यों के सवालों का जवाब देने के लिए अच्छी तरह से तैयारी करें।

सदन में गूंजेगा महाकाल महालोक और सीधी कांड

विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उज्जैन के श्री महाकाल महालोक में हुए कथित भ्रष्टाचार पर सरकार घिरती नजर आएगी। महाकाल महालोक में 7 में 6 सप्तऋषियों की प्रतिमाएं तेज हवा के झोंके में क्षति हो गईं। कांग्रेस ने इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इतना नहीं कांग्रेस सीधी कांड जिसमेंं आदिवासी युवक पर भाजपा नेता के साथ घिनौनी हरकत की थी उसे लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भले ही पीड़ित आदिवासी के पैर पखारे हो लेकिन कांग्रेस इस मसले को लेकर पीछे हटने वाली नहीं है। कांग्रेस इसे नौटंकी करार दे रही है। सरकार ने आरोपी प्रवेश शुक्ला के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की। रीवा जेल भेज दिया। इसके बावजूद कांग्रेस का आरोप है कि 18 साल में मध्य प्रदेश आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार में नंबर वन है। वहीं दमोह में धर्मांतरण का मुददा भी गरमाएगा। जहां गंगा जमना स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई थी। अब स्कूल के बच्चे पढ़ाई के लिए परेशान हो रहे हैं। समान नागरिक संहिता का मुद्दा भी इस बार मानसून सत्र में चर्चा का विषय हो सकता है।

एमपी विधानसभा का मानसून सत्र,होगी आरोप प्रत्यारोप की बारिश

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