मप्र विधानसभा चुनाव: फिर खिल सकता है कमल का फूल, कांग्रेस की राह में कांटे! कांग्रेस के पास न चेहरा नया, न मुद्दा

atmosphere in favor of BJP

मध्य प्रदेश में चुनावी खुमार अपने पूरे शबाब पर है। नामांकन भरने से लेकर नामांकन वापसी तक का तय समय खत्म हो चुका है। अब बाकी है कि केवल प्रचार। प्रत्याशी भी जनता का दिल जीतने और अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। बात करें प्रदेश की प्रमुख पार्टी बीजेपी-कांग्रेस की तो इस बार दोनों के बीच कांटे की टक्कर है। ऐसे में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में किसका पलड़ा भारी होगा समझने की कोशिश करते हैं।

बीजेपी पक्ष में फिर बना माहौल

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब से ठीक छह महीने पहले तक ऐसा लग रहा था जैसे माहौल कांग्रेस के पक्ष में जा रहा हो। बदलाव की बयार साफ दिखाई दे रही थी। लेकिन सरकार ने कई सारी योजनाओं के जरिए सत्ता में काबिज रहने का गेम प्लान तैयार कर लिया। योजनाओं के माध्यम से एकसाथ इतनी सौगात दे डालीं कि अब माहौल कुछ बीजेपी के पक्ष में दिखने लगा है। निम्नलिखित योजनाओं का सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है।

कई सीटों पर बागी बिगाड़ेंगे खेल?

मध्यप्रदेश में नाम वापसी की तारीख खत्म हो चुकी है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने बागियों को बिठाने और डैमेज कंट्रोल में भारी मशक्कत की है, बावजूद इसके दोनों ही दल के कई दिग्गज बागी बनकर मैदान में उतरे हैं। नाम वापसी के दिन 350 से अधिक उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस लिए। लगभग 2500 उम्मीदवार अभी भी मैदान में हैं। इसके अलावा बीजेपी और कांग्रेस के लगभग एक दर्जन से ज्यादा बागी मैदान में हैं। ऐसे में कई सीटों पर बागी अपनी ही पार्टियों का खेल बिगाड़ सकते हैं।

 फिर भी बाजी मार सकती है बीजेपी

मध्यप्रदेश में कई सीटों पर बागी खेल बिगाड़ रहे हों या कांटे की टक्कर हो फिर भी इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी फिर सरकार बना सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है उभरते हुए छोटे-छोटे दल। बीजेपी और कांग्रेस के अलावा प्रदेश में एआईएमआईएम, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, आम आदमी पार्टी, बसपा व सपा ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं। ऐसे में बीजेपी के खिलाफ पड़ने वाले वोट शेयर का ज्यादातर हिस्सा इन दलों को मिलेगा, जिससे कांग्रेस को भारी नुकसान होगा। आकलन है कि सरकार के खिलाफ चार बार की एंटी इनकम्बेंसी है । ऐसे में एंटी इनकम्बेंसी के वोट अगर केवल कांग्रेस को जाते तो शायद कांग्रेस सत्ता में आती । लेकिन अब ये सारे वोट कई अलग अलग दलों में बंट रहे है। इसलिए बीजेपी की जीत की गुंजाइश बढ़ सकती है।

कांग्रेस के पास न चेहरा नया, न मुद्दा

मध्य प्रदेश चुनाव 2023 में बीजेपी ने सीएम पद के लिए कोई चेहरा आगे नहीं रखा है। उल्टा 3 केंद्रीय मंत्री व 4 सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाकर कहानी में ट्विस्ट ला दिया है। इसे लेकर तरह-तरह के कयास भी लगाए जाने लगे हैं कि बीजेपी अगर जीतती है तो सीएम किसे बनाया जाएगा। वहीं बात करें कांग्रेस की तो इस चुनाव में भी कांग्रेस के पास सीएम पद के लिए कोई नया चेहरा नहीं है और वह कमलनाथ को आगे रखकर ही चुनावी मैदान में कूदी है। बात करें घोषणापत्र की तो कांग्रेस के कई चुनावी वादे पहले की तरह ही हैं, जो जनता को अपने पक्ष में लाने में कमजोर साबित हो सकते हैं।

Exit mobile version