मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में ‘ग्वालियर-चंबल’ अंचल सूबे की सियासत का केंद्र बना हुआ है। साल2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कमलनाथ सरकार गिरने से लेकर शिवराज सरकार बनने में ग्वालियर-चंबल का सबसे अहम रोल रहा था। ऐसे में इस बार 2023 में भी यहां सियासी जानकारों और नेताओं सबका फोकस बना हुआ है। चंबल अंचल की ग्वालियर विधानसभा सीट राज्य की वीआईपी सीटों में गिनी जाती है। अब तक यहां से विधायक बनने वाले नेता राजनीति में बड़े ओहदों पर पहुंचे हैं। यही वजह है कि ग्वालियर विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास और इसका सियासी समीकरण भी खासा दिलचस्प माना जाता है।
ग्वालियर सीट का चुनावी इतिहास
- ग्वालियर चंबल की सबसे VIP सीट यह
- पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है ग्वालियर
- ग्वालियर की पहचान है ऐतिहासिक किला
- सुर सम्राट तानसेन की समाधि भी है यहीं
- विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं यहां
- बुलंद रहते हैं ग्वालियर से जीतने वाले के सितारे
- 1951 से ही अस्तित्व में हैं ग्वालियर सीट
- समय समय पर परिसीमन से बदला इस सीट का तानाबाना
- ग्वालियर में है ऐतिहासिक किला
- ग्वालियर में है सम्राट तानसेन की समाधि
- इस बार भी इस सीट पर है सबकी नजरें
- बीजेपी के साथ है ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव
ग्वालियर में 2018 के चुनाव परिणाम
- 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे प्रद्युमन सिंह
- ग्वालियर विधानसभा 2018 के चुनाव में थे 20 प्रत्याशी
- प्रद्युम्न सिंह तोमर कांग्रेस को मिले 92055 वोट
- जय भान सिंह पवैया बीजेपी को मिले 71011 वोट
- बसपा से इंजीनियर सावित्री कटारिया थी प्रत्याशी
- आम आदमी पार्टी से मैदान में थे कुलदीप बाथम
- 2018 में बीजेपी ने बगावत से गंवाया अपना गढ़
- सिंधिया के साथ छोड़ी थी प्रद्युमन सिंह तोमर ने कांग्रेस
इस तरह समझें ग्वालियर का राजनीतिक समीकरण
- ग्वालियर विधानसभा में 5 बार कांग्रेस जीती
- 6 बार बीजेपी के प्रत्याशियों ने दर्ज की जीत
- एक-एक बार हिंदू महासभा और जनता पार्टी का कब्जा
- ग्वालियर सीट पर माना जाता है संघ का प्रभाव
- 2008 में प्रद्युम्न सिंह तोमर को मिली थी जीत
- ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के हैं प्रद्युम्न सिंह तोमर
- उपचुनाव 2020 में भी प्रद्युम्न सिंह तोमर जीते
यह है ग्वालियर का जातिय समीकरण
- ग्वालियर क्षेत्र का जातीय समीकरण
- राजशाही के दौर में था औद्योगिक क्षेत्र
- ग्वालियर विधानसभा सीट मूल रूप से बीजेपी का रही गढ़
- बीचबीच में इस सीट पर कांग्रेस हाथ मारने में रही कामयाब
- ब्राह्मण और क्षत्रिय बाहुल्य है ग्वालियर सीट
- 2013 में क्षत्रिय समाज से थे दोनों प्रमुख प्रत्याशी
- ब्राह्मण और ओबीसी मतदाताओं का भी है दखल
- राजाश्रय में पली-बढ़ी हिंदू महासभा ने जीता था पहला चुनाव
1977 से अब तक ग्वालियर से विधायक
- 1977 में जेएनपी के जगदीश गुप्ता जीते
- कांग्रेस के धर्मवीर शर्मा को मिली थी हार
- 1980 में कांग्रेस के तारा सिंह विओगी जीते
- 18521 वोट सीपीआई के गुरु बालकदास को हराया
- 1985 में बीजेपी के धर्मवीर ने दर्ज की थी जीत
- 1985 में कांग्रेस के तारा सिंह वियोगी को मिली हार
- 1990 में बीजेपी के धर्मवीर को मिले 21153
- कांग्रेस के रघुवर सिंह को मिले थे 16385 वोट
- 1990 में बीजेपी के धर्मवीर ने दर्ज की थी जीत
- 1993 में कांग्रेस के रघुवर सिंह ने दर्ज की जीत
- 1993 में बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर मिली थी हार
- 681 वोट से जीते थे कांग्रेस के रघुवर सिंह
- 1998 में बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर दर्ज की जीत
- बीजेपी के नरेन्द्र सिंह तोमर ने की 26358 वोट से जीेते
- कांग्रेस के अशोक शर्मा को मिली थी 26358 वोट से हार
- 2003 में बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर जीता चुनाव
- 2003 में कांग्रेस के बालेंदु शुक्ला मिली थी करारी हार
- 2003 में 34140 वोट से जीते थे नरेंद्र सिंह तोमर
- 2008 में कांग्रेस के प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दर्ज की जीत
- 2008 में बीजेपी जयभान सिंह पवैया को मिली थी हार
- 2008 में कांग्रेस के 2090 वोट से जीते थे प्रद्युम्न सिंह
- 2013 में बीजेपी के जयभान सिंह को मिली थी जीत
- कांग्रेस के प्रद्युम्न सिंह तोमर मिली थी हार
- 2018 में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे प्रद्युम्न सिंह
- बीजेपी के जयभान सिंह पवैया को मिली हार
- 21044 वोट से जीते प्रद्युमन सिंह तोमर
- 2019 में बीजेपी में शामिल हुए थे प्रद्युमन सिंह तोमर
- प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर से बीजेपी के विधायक
- शिवराज सरकार में मंत्री हैं प्रद्युम्न सिंह तोमर
- 2020 उपचुनाव में प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दर्ज की जीत
ग्वालियर सीट पर अक्सर उठते हैं चुनाव में यह स्थानीय मुद्दे
- बिजली की समस्या से लोग परेशान
- नहीं हुआ बिजली की समस्या का समाधान
- जाम की स्थिति से जूझ रहे हैं कई क्षेत्र
- विधानसभा के कई इलाकों में लगता है जाम
- ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में पानी की समस्या
- ग्वालियर विधानसभा में जल संकट से जूझते जन
- बिजली के अनुमानित बिलों के चलते लोग परेशान
- इस बार आसान नहीं प्रद्युम्न सिंह तोमर की राह
- ऊर्जा मंत्री को सता रहा भितरघात का डर
- एक के बाद एक बंद हुईं कई कपड़ा मिल
- मिल और फैक्ट्रियों के बंद होना से बढ़ी बेरोजगारी
- यहां बेहतर रोजगार आज भी है एक समस्या