मध्यप्रदेश के साथ ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो चुकी है। मतदान की तारीख अलग अलग है लेकर मतगणना 3 दिसंबर को एक साथ पांचों राज्यों में होगी। तारीखों का ऐलान होते ही पांच राज्यों में चुनावी मौसम अपने पूरे शबाब पर आ गया है। आचार संहिता लागू होते ही कई पाबंदियां स्वत: ही लग गई हैं।
- शहनाई पर भी आचार संहिता लगाई
- एसडीएम की मर्जी से बजेगा बैंड बाजा, निकलेंगी बारात
- महाकाल के दरबार में VIP कोटा खत्म
- आम श्रद्धालु की तरह अब दर्शन करेंगे राजनेता
- महाकालेश्वर मंदिर में राजनेताओं को नहीं मिलेगी विशेष सुविधा
- विधायक,सांसद और मंत्रियों को नहीं मिलेगी वीआईपी सुविधा
- चुनावी तारीखों के साथ प्रदेश में आचार संहिता लागू
चुनाव हों और नेता आशीर्वाद लेने उज्जैन स्थित महाकालेश्वर के दरबार में हाजरी न लगाएं ऐसा हो ही नही सकता। महाकाल मंदिर में भी तमाम राजनेता भगवान महाकाल से चुनाव में जीत का आशीर्वाद लेने आते हैं। अब तक ऐसे भक्तों को महाकाल प्रबंधन समिति की ओर से वीआईपी प्रोटोकॉल के जरिए दर्शन कराए जाते थे, लेकिन अब चूंकी आचार संहिता लग गए है ऐसे में अब वीआईपी लोगों के लिए प्रोटोकॉल की सुविधा समाप्त कर दी गई है। महाकाल के दरबार में हाजरी लगाने वाले राजनेताओं को आम श्रद्धालुओं की तरह दर्शन करना होंगे।
आमजन को अब 350 सीट का VIP कोटा
चुनावी ऐलान के साथ ही अब यह भी तय कर दिया गया है कि मंदिर में वीआईपी को किसी प्रकार की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। बता दें उज्जैन में महाकाल प्रबंधन समिति की ओर से वीआईपी कोटा 350 सीट का दे रखा था। अब वहीं इस कोटे का लाभ 350 आम श्रद्धालुओं को दर्शन में मिलेगा। उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत विधायक, सांसद ,मंत्री और सीएम से लेकर केंद्रीय मंत्रियों को भगवान महाकाल के दरबार में देखा जाता रहा है। ये भगवान का आशीर्वाद लेने आते थे।
इन नेताओं ने लगाई हाल ही में हाजरी
पिछले दिनों सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया था। इस दौरान महाकाल लोक फेस-2 का लोकार्पण किया था। जबकि इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर विधानसभा क्रमांक 1 से प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने भी भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया था। साथ ही बीजेपी कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के कई तमाम नेता भी पहुंचते रहे हैं। लेकिन अब निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही मध्यप्रदेश में आचार संहिता लगा दी गई है। जिसके चलते उज्जैन में अब महाकाल के दरबार में वीआईपी नेताओं को अब किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिलेगी। वहीं महाकाल मंदिर में राजनीतिक आधार पर होने वाली भस्म आरती की अनुमति भी बंद कर दी गई है। भक्तों को अब ऑनलाइन भस्म आरती की अनुमति ही उपलब्ध होगी।
SDM देंगे D J और बैंड बाजा बारात की अनुमति
आचार संहिता के चलते जहां सियासी दलों को कई पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं आमजन भी इससे प्रभावित होगा। दरअसल आचार संहिता के बीच ही इस बार दीपावली, दशहरा और देवउठनी ग्यारस जैसे बड़े त्यौहार मनाए जाएंगे। देवउठनी ग्यारस से शादियों का सीजन भी शुरू हो जाएगा। जिसमें शायद लोगों को परेशानी का सामना करना पड़े। क्योंकि आचार्य संहिता के चलते धारा 144 लागू कर दी गई है। ऐसे में किसी भी आयोजन के लिए पहले परमिशन लेना होगी। अगर आप शादी में बैंड बाजा बजाते हैं तो इससे पहले आपको स्थानीय प्रशासन से बाकायदा परमिशन लेना पड़ेगी। यानी अब बारात में बैंड बाजा और डीजे एसडीएम की मर्जी से ही बजेंगे।