love Jihad:लव जिहाद पर एमपी सरकार सख्त,कराना होगा शादी से पहले पुलिस वेरिफिकेशन

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love Jihad: देश में एक बार फिर लव जिहाद के मुद्दे पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। Shraddha Murder Case को भी कुछ नेताओं ने लव जिहाद से जोड़ने की कोशिश की थी। हालांकि जांच में पुलिस को ऐसा कुछ नहीं मिला है। इस सबके बीच मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लव जिहाद को लेकर एक नई बात कह दी है। उन्होंने कहा है कि इस तरह के युवक युवती शा​दी करते हैं तो उन्हें शादी से पहले पुलिस वेरिफिकेशन करवाना होगा।

डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश में love Jihad की जांच करने के लिए विवाह पंजीयक और विवाह संपन्न कराने के लिए जिम्मेदार अन्य संस्थानों को जल्द ही आवेदक जोड़ों का पुलिस प्री-वेरिफिकेशन करवाना होगा। दरअसल इसे लव जिहाद के मामलों को रोकने की दिशा में उठाया गया कदम बताया जा रहा है। गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा मैरिज ब्यूरो और शादी कराने वाली संस्थाओं को युवक युवती के डॉक्यूमेंट्स का पुलिस वेरिफिकेशन कराना चाहिए। ये काम वे शादी से पहले ही कर लें। उनके पास दोनों पक्ष की जानकारी करीब एक महीने पहले आ जाती है। बता दें भोपाल में आधार कार्ड में नाम बदलकर शादी करने का मामला सामने आने के बाद गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने यह बात कही। उन्होंने कहा लव जिहाद रोकने के लिए हम गंभीरता से विचार कर रहे हैं।

थाने पहुंचेंगे दूल्हा-दुल्हन के दस्तावेज

दरअसल मैरिज रजिस्ट्रार ब्यूरो और नोटरी सहित पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल अन्य संस्थानों को दूल्हा और दुल्हन के बारे में शादी की तारीख से एक महीने पहले जानकारी मिलती है और पुलिस के साथ चर्चा की जाती है। इस दौरान उन्हें पुलिस वेरिफिकेशन कराने पर विचार करना चाहिए।

जल्द ही लिया जाएगा निर्णय

गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा हम लव जिहाद के प्रति गंभीर हैं। इसलिए सरकार गंभीरता से सोच रही है कि विवाह पंजीयक और आर्य समाज जैसे संगठन अनिवार्य रूप से कपल का पुलिस सत्यापन करवाएं। इस संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस वेरिफिकेशन से लड़कियों को दोहरी सुरक्षा मिलेगी।

श्रद्धा मर्डर केस कस किया जिक्र

मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम.2021 इस उद्देश्य के लिए राज्य में पहले से ही लागू है। पुलिस वेरिफिकेशन कराकर जिन विवाहों की वास्तविक पहचान छिपाई जाती है। उन्हें पंजीकरण से पहले ही रोका जा सकता है। पुलिस वेरिफिकेशन का मतलब यह नहीं है कि लव जिहाद कानून प्रभावी नहीं है। लेकिन सरकार दोहरी सुरक्षा चाहती है। इसलिए इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। जिससे भविष्य में किसी श्रद्धा को अपनी जान गंवानी न पड़े। मौजूदा कानून ऐसे मामलों की संख्या को कम करने में प्रभावी रहा है। इसका दावा करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल जब अधिनियम लागू किया गया था तब लव जिहाद के 65 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2022 में अब तक 49 मामले दर्ज किए गए हैं।

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