अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव होना हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश में सियासी दलों की नजर में हर वर्ग अहम हो गया है। लोकसभा चुनाव से पहले सभी निगाहें उत्तर प्रदेश की तरफ टिकी हैं। 80 सीटों के साथ देश के सबसे बड़े राज्य यूपी को लेकर सभी दल सक्रिय हैं। मिशन 80 के लिहाज से चुनाव से पहले सपा ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है।
- अखिलेश का प्लान,क्या साथ आएंगे पसमांदा मुसलमान?
- चुनावी डगर,पसमांदा मुसलमान बनेंगे गेमचेंजर
- यूपी में सपा के लिए अहम है MY फैक्टर
- एमवाय यानी मुस्लिम यादव फैक्टर
- सपा के लिए हमेशा कारगर रहा एमवाय फैक्टर
- अब सपा ने की लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी
- बेहतर प्रदर्शन के लिए कई स्तर पर कर रही काम
- एमवाय के साथ ही सॉफ्ट हिंदुत्व के सहारे सपा
- यूपी में हैं लोकसभा की सबसे अधिक 80 सीटें
यूपी में सपा के लिए MY फैक्टर यानी मुस्लिम यादव फैक्टर हमेशा कारगर रहा है। समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में बेहतर प्रदर्शन के लिए कई स्तर पर काम कर रही है। उसमें एमवाई मुस्लिम यादव समीकरण के साथ ही सपा सॉफ्ट हिंदुत्व के सहारे भी लोकसभा चुनाव में उतरने की कोशिश में जुटी हुई है। जिससे समाज के सभी वर्ग के लोगों का साथ मिले और पार्टी की चुनाव में नैया पार हो सके। वैसे चुनाव कोई भी हो यूपी में मुस्लिम और यादवों ने हमेशा सपा का साथ दिया है। 2024 से पहले अखिलेश एमवाय के साथ ही PDA यानि पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग को साथ लेकर मैदान में हैं। इस वजह है कि अल्पसंख्यक मुस्लिमों में भी पिछड़े वर्ग पसमांदा पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। दरअसल यूपी में 19.6 फीसदी मुस्लिम आबादी का एक बड़ा हिस्सा पिछड़ा वर्ग यानी पसमांदा मुसलमानों का है। सपा की अल्पसंख्यक सभा में बीजेपी के खिलाफ ब्लूप्रिंट तैयार हुआ है। यानी जल्द सपा शहर-शहर पसमांदा सम्मेलन करने की तैयारी कर रही है।
अल्पसंख्यक समुदाय को जगाएगी सपा
यूपीए से बने INDIA बन गया है। इसके बारे में अल्पसंख्यक समुदाय के बीच जागरूकता लाई जाएगी। उत्तर प्रदेश समेत देश के सभी राज्यों में अल्पसंख्यक नेताओं को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इसके साथ ही मुस्लिम मतदाताओं को संगठित करने के लिए शहर-शहर सभाएं की जाएंगी। इस दौरान बताया जाएगा कि बीजेपी किस तरह से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नीतियां लेकर आ रही है। बता दें पिछले दिनों सपा सांसद और विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई हुई थी। ऐसे में सिर्फ जनप्रतिनिधियों तक नहीं मुस्लिमों को CAA और NRC के जरिए दायरे में बांधने की कोशिशों के बाद प्रदर्शन किये गए। अखिलेश के साथ शिवपाल सिंह यादव की मौजूदगी में तय हुआ कि बीजेपी की ओर से जानबूझकर मुकदमों के जरिए परेशान करने की रणनीति बनाई जा रही है, जिसे जनता के बीच लेकर जाएंगे।
बुलडोजर एक्शन पर भी बैठक में चर्चा
सपा की अल्पसंख्यक सभा में यूपी की योगी सरकार के बुलडोजर एक्शन पर भी मंथन किया गया। बुलडोजर नीति के खिलाफ सपा अभियान चलाने की तैयारी कर रही है। बैठक में कहा गया है कि इससे मुस्लिम समाज को डराया जा रहा है। एक ही समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। सपा नेताओं ने साफ शब्दों में कहा कि बुलडोजर एक्शन गलत है। सपा इस नीति के खिलाफ आवाज उठागी।
मुस्लिम और पसमांदा में बढ़ न जाए दूरी
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कुछ मुस्लिम चेहरों को शामिल किया गया है। ऐसा करके पूरे देश में संदेश देने की कोशिश कर रही है। लेकिन सपा का आरोप है कि सरकार में शामिल मुस्लिम चेहरे कभी पसमांदा के हितैषी नहीं हो सकते हैं। सपा का कहना है कि जिस तरीके से पसमांदा मुसलमान को लेकर बीजेपी अभियान और चुनाव प्रचार के दौरान ढोल पीट रही है। उसके पीछे सच्चाई इतनी है कि वह इनका इस्तेमाल करना चाहती। इसलिए मुस्लिम नेता जिलेवार पसमंदा मुसलमानों की सभाएं करेंगे।
यूपी में लोकसभा की कितनी सीटें किसके पास
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी- 62, अपना दल (एस)- 2, बीएसपी- 10, सपा- 5 और कांग्रेस के खाते में 1 सीट आई थी। साल 2019 में हुए चुनाव के बाद यूपी की तीन सीटों पर उपचुनाव हुए थे। जिसमें आजमगढ़, रामपुर और मैनपुरी लोकसभा सीट शामिल हैं। रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी तो वहीं सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर उपचुनाव में सपा की ओर से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने मैदान जीता था।