141 निलंबित सांसदों के बाद बड़ा सवाल क्या विपक्ष मुक्त हो चुका है सदन?

संसद में अनुशासन का डंडा तेजी से चल रहा है। मंगलवार को भी लोकसभा से 49 सांसद निलंबित कर दिए गए। इसके साथ ही अभी तक दोनों से सदनों से निलंबित होने वाले सांसदों की संख्या 141 हो चुकी है। इसके साथ ही सवाल उठता है कि क्या वास्तव में सदन अब विपक्ष मुक्त हो चुका है? बता दें कि अभी भी विंटर सेशन में दो दिन बाकी हैं। इसके अब कोई सत्र चलना नहीं है और अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं।

संसद में तेजी से चल रहा अनुशासन का डंडा
दोनों से सदनों से 141 सांसद निलंबित
क्या वास्तव में सदन अब विपक्ष मुक्त हो चुका है
अभी भी विंटर सेशन में दो दिन बाकी हैं
इसके बाद कोई सत्र नहीं चलेगा
अगले साल 2024 को लोकसभा चुनाव होंगे

लोकसभा की अगर बात की जाए तो यहां पर बीजेपी और एनडीए के सहयोगी दलों के 300 से अधिक सांसद हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष दल के पास करीब 100 के आसपास ही सांसद निचले सदन में अब बचे हुए हैं। इसी तरह से उच्च सदन यानी राज्यसभा में भी विपक्ष के पास 100 से कम ही सांसद बच रहे हैं। यहां पर विपक्ष के सांसदों की बात करें तो आंध्र प्रदेश के सत्ताधारी दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और उड़ीसा की बीजू जनता दल के सांसद बचे हैं। गौरतलब है कि इन दलों के सांसदों ने अलग-अलग मुद्दों पर भाजपा का समर्थन किया है।

गौरतलब है कि लोकसभा में आसन की अवमानना को लेकर मंगलवार को 49 विपक्षी सदस्यों को निलंबित किया गया। इससे पहले मौजूदा सत्र में लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 45 सांसद निलंबित किए गए थे। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है। उनमें दानिश अली, प्रतिभा सिंह, दिनेश चंद्र यादव, शशि थरूर, सुप्रिया सुले, डिंपल यादव जैसे नाम शामिल हैं। वहीं, निलंबित सांसदों ने सदन के मकर द्वार के बाहर धरना दिया। कहा जा रहा है कि इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में सांसदों के निलंबन की कार्रवाई कभी नहीं हुई थी। इसलिए इस निलंबन को अब सियासी दल अभूतपूर्व बता रहे हैं। इससे पहले 15 मार्च 1989 में लोकसभा से 63 सांसद निलंबित किये गये थे। ये सांसद इंदिरा गांधी हत्याकांड की जांच के लिए गठित आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश करने की मांग को लेकर सदन में हंगामा कर रहे थे।

 

Exit mobile version