आधी रात तक चली लोकसभा की कार्यवाही ….इस तरह पास हुआ वक्फ संशोधन विधेयक…

आधी रात तक चली लोकसभा की कार्यवाही ….इस तरह पास हुआ वक्फ संशोधन विधेयक…

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पास हो गया है। रात दो बजे तक चली सदन की कार्यवाही के दौरान करीब 12 घंटे से ज्यादा समय तक मैराथन चर्चा हुई। इसके बाद लोकसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को पारित कर दिया है। इस विधेयक के पक्ष में जहां 288 और विपक्ष में 232 मत पड़े। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने चर्चा पूरी होने के बाद मतदान करवाया। इस दौरान संशोधन बिल के पक्ष में जहां 288 वोट पड़े तो वहीं 232 वोट इसके विरोध में पड़े और इस तरह आधी रात को 2 बजे वक्फ संशोधन बिल लोकसभा से पास हो गया है। इससे पहले सदन में गौरव गोगोई, औवैसी समेत कई सदस्यों की ओर से लाए गए संशोधनों को खारिज कर दिया गया।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ संशोधन बिल पर बोलते हुए विपक्ष पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का गंभीर आरोप लगाया और कहा एनडीए सरकार वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रशासन और अनियमितता को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। 2013 में किए गए वक्फ कानून संशोधन को अमित शाह ने तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया और कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा। शाह ने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड और परिषद में अब तक केवल एक ही धर्म के लोगों की नियुक्ति को बढ़ावा दिया गया और कहा कि इससे देश को एक बार फिर विभाजित करने की कोशिश की गई। अमित शाह ने यह भी कहा कि दरअसल नए विधेयक की जरुरत 2013 में किए गए संशोधन की वजह से पड़ी।

केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने कहा कि वे संसदीय कार्यमंत्री किरन रिजिजू की ओर से लाए गए वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करने के लिए लोकसभा में खड़े हैं, लेकिन वे सुबह से चल रही बहस को सुन रहे हैं। वे कुछ बातें स्पष्ट करना चाहते हैं कि वक्फ एक अरबी शब्द है। इसका मतलब है अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान करना। वक्फ एक धर्मार्थ बंदोबस्ती है। यहां दान शब्द महत्वपूर्ण है। वे सरकारी संपत्ति दान नहीं कर सकते।

अमित शाह ने कहा “जहां तक ​​भारत का सवाल है, वक्फ बोर्ड साल 1995 में अस्तित्व में आया था। शाह ने कहा चैरिटी कमिश्नर का काम प्रशासनिक है। उन्होंने कहा “वक्फ काउंसिल, बोर्ड का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का शोषण करने वालों को पकड़ना है।। शाह ने कहा, “अगर 2013 में संशोधन नहीं हुए होते तो इस विधेयक की आवश्यकता ही नहीं थी। चुनाव के चलते एक रात में वक्फ को चरमपंथी बना दिया गया। मुसलमानों को चार साल में पता चल जाएगा कि यह विधेयक उनके लिए फायदेमंद है। उन्होंने कहा केरल के कई कैथोलिक संगठनों ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। उन्होंने भी साल 2013 के विधेयक को अनुचित करार दिया है।

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