संसद सत्र…जाति विवाद पर फिर गया बारिश का पानी..!

Lok Sabha Parliament Session Congress and Samajwadi Party New Parliament House

संसद सत्र के दौरान पिछलें दिनों जाति को लेकर आरोप प्रत्यारोप और बयानबाजी से महौल गरमा गया था। 9वें दिन जाति के विवाद पर बारिश ने पानी फेर दिया। दरअसल नई संसद भवन के एक हिस्से की छत से टपकते पानी ने चर्चा और बहस का मुद्दा बदल दिया। इसे लेकर कांग्रेस सांसद ने स्थगन प्रस्ताव भी सदन में पेश किया। कांग्रेस ने संसद में पानी टपकने पर सवाल उठाते हुए ये नोटिस दिया था। हालांकि प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद किसी भी स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया।

दरअसल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता अपने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर संसद की नई बिल्डिंग का वीेडिया पोस्ट कर रहे हैं। इस वीडियो में बिल्डिंग की छत से बारिश का पानी टपकते दिखाया जा रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि छत से बारिश का पानी टपक रहा है और इस गिरते हुए पानी को फैलने से रोकने के लिए फर्श पर बाकायदा एक बकेट रखी गई है।

वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए लिखा है कि इस नई संसद से अच्छी तो वो पुरानी संसद की बिल्डिंग थी। जहां पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे। तो फिर क्यों न हम चलें पुरानी संसद। कम-से-कम तब तक के लिए ही सहीं जब तक अरबों रुपये खर्च कर बनाई गई संसद की नई बिल्डिंग में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए यह भी कहा कि जनता अब सवाल कर रही है कि बीजेपी सरकार में बनी हर नई छत से पानी क्यों टपकता है। यह उनकी सोच-समझकर बनायी गयी डिज़ाइन का हिस्सा होता है या फिर कुछ ओर…।

बता दें गुरुवार 1 अगस्त को संसद में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक पेश किया। जिस पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अपनी आपत्ति जताई। जिसके जवाब में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री राय ने सदन में स्पष्टतौर पर कहा आपदा प्रबंधन का पहला दायित्व संबंधित राज्य सरकार का ही है। यह संशोधन विधायक किसी राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करता है। इस बिल में एक नहीं कई ऐसे प्रावधान हैं जो आपदा प्रबंधन को सही दिशा में ले जाएंगे।

शशि थरूर ने उठाया वायनाड लैंडस्लाइड मामला

उधर कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने वायनाड लैंडस्लाइड के मसले को उठाते हुए इसे गंभीर आपदा घोषित किये जाने की मांग की। जिससे सांसद निधि से एक करोड़ रुपए दिये जा सके।
शशि थरूर ने वायनाड लैंडस्लाइड कोे लेकर कहा हम अभी भी कुछ लोगों को बचाने की उम्मीद कर रहे हैं और सच्चाई यह है कि करीब 200 लोगों की जान चली गई। 200 वहां अब भी लापता हैं। दो गांव तो नक्शे से ही गायब हो गए हैं।

वहीं गृह मंत्री ने कहा प्रारंभिक चेतावनी जारी की गई थी। लेकिन केरल के सीएम की ओर से कहा गया कि रेड अलर्ट नहीं था। इन सभी बातों को लेकर बाद में विवाद हो सकता है। वे चाहते हैं कि इसे गंभीर आपदा घोषित किया जाए, जिससे सांसद एमपी फंड से एक करोड़ रुपए दान कर सके। फंड से एक करोड़ रुपए दान किया जा सके।
इससे पहले बुधवार को लोकसभा में बजट 2024 के तहत रेल मंत्रालय की मांगों और अनुदानों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही वायनाड में हुए लैंस्लाइड पर भी सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा हुई। कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने पीएम के खिलाफ अनुराग ठाकुर के भाषण से हटाए गये हिस्से को साझा करने के लिए विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया। इससे पहले मंगलवार को मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर का 2024 बजट पारित किया गया। इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इसी दिन लोकसभा में बजट पर बहस का जवाब दिया था।

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