मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तरह बीजेपी लोकसभा चुनाव में भी चौंका सकती है। टिकट वितरण को लेकर वह अलग रणनीति तैयार कर रही है। पार्टी आधे से अधिक सीटों पर चेहरे बदलने की रणनीति पर मंथन कर रही है।
- लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी
- इस माह के अंत तक घोषित हो सकते हैं उम्मीदवार
- मार्च में घोषित हो सकता है आम चुनाव का शेड्यूल
- बीजेपी कई सीट पर बदलेगी सांसदों के टिकट
- लोकसभा की पांच सीटों पर सांसद बने विधायक
- इन सीटों पर नए चेहरों को मिलेगा मौका
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के शेड्यूल का ऐलान मार्च के पहले सप्ताह तक एलान हो सकता है। बीजेपी उससे पहले ही बड़ी संख्या में टिकटों पर फैसला करना चाहती ह।ै जिससे उसके उम्मीदवारों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि फरवरी के आखिरी सप्ताह में बीजेपी अपने उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर सकती है।
इन सीटों पर नए चेहरों की तलाश
इस बार मध्यप्रदेश में पार्टी डेड दर्जन से भी ज्यादा सांसदों का टिकट काटकर उनके स्थान पर नए चेहरों को मौका देने की रणनीति बन रही है। मुरैना, जबलपुर, दमोह, सीधी और नर्मदापुरम लोकसभा क्षेत्र के अलावा कई ऐसी सीटें हैं जहां नए चेहरे को मौका मिल सकता है। पार्टी सूत्र के अनुसार इंदौर संसदीय सीट पर वर्तमान सांसद शंकर लालवानी की दावेदारी तो है ही उनके अलावा कविता पाटीदार, महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ निशांत खरे और विधायक रमेश मेंदोला दावेदार बताए जा रहे हैं। ये लोग अपनी ओर से प्रयास कर रह हैं। इसी प्रकार भोपाल में 2014 में पार्टी ने आलोक संजर को मैदान में उत्तारा था। लेकिन 2019 में बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को प्रत्याशी बनाया गया था। इस बार उन्हें फिर टिकट मिले इसमें संदेह है। इसी तरह विदिशा में भी बीजेपी अपने सांसद रमाकांत भार्गव के स्थान पर किसी और को मैदान में उतार सकती है। उज्जैन लोकसभा सीट की बात करें तो 2014 में सांसद रहे चिंतामन मालवीय का टिकट काट कर अनिल फिरोजिया को मौका दिया गया था। इस बार भी नया चेहरा सामने आ सकता है। लोकसभा सदस्यों के विधायक बनने के चलते मुरैना, जबलपुर, दमोह, सीधी और नर्मदापुरम लोकसभा क्षेत्र से सांसदों की सीटें हुई हैं। इनके साथ ही पार्टी ग्वालियर और सतना सहित कई लोकसभा सीटों पर टिकट बदल सकती है।
इस बार ‘मिशन 29’ पूरा करने का लक्ष्य
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 27 सीट मिली थी। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव उसने 28 सीट पर अपना कब्जा किया था। एक मात्र सीट छिंदवाड़ा ही कांग्रेस के खाते में गई थी। इस बार बीजेपी छिंदवाड़ा में भी पूरा जोर लगा रही है। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में उसने नई रणनीति के चलते अपने सात सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि पांच ने विजय हासिल की थी।