लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तरप्रदेश में एक और चुनाव की नींव तैयार हो रही है। आप चौंक गए होंगे। दरअसल देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद के चुनाव में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के तीन मंत्री ही नहीं 14 विधायक भी देश की संसद में बैठने के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में यहां बीजेपी,कांग्रेस, सपा और बसपा के इन विधायकों की जीत होती है तो यह तय है कि विधायकों की सीट पर उपचुना होंगे। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों पर लोकसभा चुनाव के मैदान में अबकी बीजेपी सहित समाजवादी पार्टी ही नहीं कांग्रेस और आरएलडी ही नहीं निषाद पार्टी ने अपनी पार्टी के विधायकों को भी उतार दिया है।
- यूपी मेंं लोकसभा की 80 सीटों का ‘रण’
- विधायक दे रहे सांसदी की परीक्षा
- आमचुनाव के मैदान में 12 विधायक और MLC
- प्रत्याशी बने योगी सरकार के तीन मंत्रियों की भी परीक्षा
- माननीयों में कितने होंगे पास
- चार जून को नतीजे के होगा खुलासा
- क्या बड़ी पंचायत में बैठेंगे विधायक
- क्या छोड़ना पड़ेगी विधानसभा या विधान परिषद
- क्या रिक्त होने वाली विधानसभा सीटों पर फिर होगा उपचुनाव
- मैनपुरी से मैदान में भाजपा के मंत्री जयवीर सिंह
- नगीना सीट पर बीजेपी विधायक ओम कुमार
डिंपल को चुनौती दे रहे योगी के मंत्री जयवीर सिंह
उत्तरप्रदेश की सबसे चर्चित सीट में शामिल मैनपुरी लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू और पार्टी मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी सांसद डिम्पल यादव फिर से मैदान में हैं। उनके मुकाबले को भाजपा ने योगी सरकार में पर्यटन संस्कृति मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में जयवीर सिंह मैनपुरी सीट से विधायक चुने गए थे, अब उनके सामने मैनपुरी संसदीय क्षेत्र से भाजपा का परचम लहराने की चुनौती है। यहां बसपा से शिवप्रसाद यादव मैदान में हैं।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर जातिगत समीकरण
यादव वोटर्स- 4 लाख 30 हजार
शाक्य वोटर्स- 2 लाख 90 हजार
ठाकुर वोटर्स- 2 लाख
ब्राह्मण वोटर्स- 1 लाख
मुस्लिम वोटर्स- 60 हजार
वैश्य वोटर्स- 70 हजार
लोधी वोटर्स- 1 लाख
दलित वोटर्स-1 लाख 80 हजार
मैनपुरी का जनादेश-2022 उपचुनाव
विजेता- सपा- डिंपल यादव
हारे- बीजेपी-रघुराज सिंह शाक्य
लोकसभा में कितनी विधानसभाएं
कुल विधानसभाओं की संख्या-5 मैनपुरी, भौगांव, किशनी, करहल और जसवंतनगर
दो पर बीजेपी- मैनपुरी,भौगांव तीन पर सपा के विधायक।
मैनपुरी का चुनावी इतिहास
2009-मुलायम सिंह यादव,सपा
2014- तेज प्रताप सिंह यादव,सपा
2019- मुलायम सिंह यादव,सपा
2022-डिंपल यादव,सपा
मंत्री अनूप प्रधान और डॉ.अतुल गर्ग भी प्रत्याशी
योगी सरकार में राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि भी लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं। BJP ने उन्हें हाथरस सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया है। अनूप प्रधान अलीगढ़ जिले की खैर सुरक्षित सीट से 2022 में विधायक चुने गये थे। इसी तरह गाजियाबाद विधानसभा सीट से विधायक डॉक्टर अतुल गर्ग को BJP ने गाजियाबाद लोकसभा सीट का प्रत्याशी बना कर मैदान में उतार दिया है।
नगीना सीट पर विधायक ओम कुमार पर दांव
नगीना सुरक्षित लोकसभा सीट पर BSP का कब्जा है। भाजपा ने नहटौर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से विधायक ओम कुमार को यहां उतारा है। वहीं प्रयागराज के फूलपुर से विधायक प्रवीण पटेल फूलपुर लोकसभा सीट से चुनावी दंगल में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोंक रहे हैं। बीजेपी के एनडीए में शामिल आरएलडी और निषाद पार्टी के एक-एक विधायक भी लोकसभा के चुनाव मैदान में उतरे हैं। आरएलडी ने अपने कोटे वाली दो लोकसभा सीटों में से एक बिजनौर से चंदन चौहान को मैदान में उतारा है। वे मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। इसी तरह निषाद पार्टी ने भी मिर्जापुर जिले की मझवां विधानसभा सीट से पार्टी के विधायक डॉ.विनोद कुमार बिन्द को भदोही लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।
विधायक होते हुए दे रहे सांसदी की परीक्षा
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीट हैं। आम चुनाव के मैदान में इस बार भाजपा सहित समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ही नहीं RLD और निषाद पार्टी ने भी अपने विधायकों को इस उतार दिया है। ऐसे कई विधायक हैं जो लोकसभा की सीटों पर वे चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में इन विधायकों में से कितने जीतते हैं यह तो 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन जीतने वाले को देश की सबसे बड़ी पंचायत में बैठने के लिए विधानसभा या विधान परिषद की अपनी सदस्यता छोड़ना होगी यानी इस्तीफा देना होगा। जिसके चलते रिक्त होने वाली विधानसभा की इन सीटों पर चुनाव आयोग को लगभग ढाई साल बाद फिर उपचुनाव कराना होगा।