75 दिन का चुनावी अभियान …! जाने BJP के शीर्ष नेतृत्व ने कितनी की चुनावी सभा..किन मुद्दों को दी हवा..!

Lok Sabha election campaign completed Narendra Modi Amit Shah Central Government NDA Opposition Alliance

लोकसभा चुनाव का सफर अब अपने अंतिम दौर में आज पहुंचा है। मार्च की 16 तारीख से शुरु हुए चुनावी महायज्ञ की 4 जून को पूर्णाहुति होगी। चुनाव आयोग की ओर से 16 मार्च को चुनाव कार्यक्रम का ऐलान किया गया था। छह चरण की वोटिंग के बाद अब बारी 1 जून को सातवें चरण की है। इस तरह करीब 75 दिन के चुनावी अभियान का समापन भी हो गया है।

2014 और 2019 के पिछले दो चुनावों की तरह इस बार 2024 में भी बीजेपी के प्रचार अभियान की कमान पीएम नरेंद्र मोदी ने संभाल रखी थी। पीएम ने इस दौरान करीब 200 से अधिक रैली और जनसभाओं के जरिए जनता तक अपनी बात पहुंचाई। इस दौरान टीवी और अ​खबार में करीब 80 साक्षात्कार दिए गये। प्रधानमंत्री के अतिरिक्त केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी देश के अधिकांश राज्यों में चुनाव प्रचार किया। इस दौरान किस तरह का माहौल प्रचार के बीच देखने को मिला यह भी एक बड़ा मसला है, पहले इसे समझते है।

फिर सुर्खियों में रहा राम मंदिर मुद्दा

चुनाव के आगाज से पहले अयोध्या में 22 जनवरी में रामलला विराजमान हुए थे। मंदिर का उद्घाटन करने के साथ ही बीजेपी का आत्मविश्वास भी बढ़ा। दरअसल रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में विपक्ष को भी न्यौता दिया गया था, लेकिन विपक्ष ने इसे बीजेपी का निजी कार्यक्रम बताते हुए इसका बहिष्कार कर दिया और बीजेपी ने बिना देर किये विपक्ष के बहिष्कार को मुद्दा बनाते हुए देश भर में उसके खिलाफ माहौल बनाया। वहीं कई दूसरी कई पार्टियों के नेताओं ने इसे लेकर अपनी अपनी पार्टियां छोड़ी और बीजेपी का दामन थामा। जिसके चलते बीजेपी को देशभर में राम मंदिर मुद्दे को चुनाव के केन्द्र में लाने में खासी मदद मिली।

आम चुनाव के ऐलान के साथ ही बीजेपी ने गारंटी पर बात करना शुरु कर दिया था। चुनाव अभियान की शुरुआत ही उसने ‘मोदी की गारंटी’ से की। इसके अतिरिक्त बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में भी ‘मोदी की गारंटी’ का उल्लेख किया गया। पीएम मोदी के साथ बीजेपी के तमाम बड़े और छोटे नेता एनडीए के 400 पार का नारा बुलंद करते रहे। चुनावी रैलियों और जनसभाओं में सामाजिक रक्षा के साथ गरीब कल्याण से जुड़े मुद्दों का उठाया गया।

कांग्रेस के घोषणा पत्र का किया इस तरह उपयोग

पीएम नरेन्द्र मोदी ने प्रचार अभियान की दिशा को मोड़ते हुए वेल्थ रिडिस्ट्रीब्यूशन के कांग्रेस के वादे को मुद्दा बनाया और कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र की तुलना मुस्लिम लीग से कर दी। यहीं से बीजेपी का चुनाव अभियान बेहद आक्रामक होता चला गया। इस बीच सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स के बयान ने बीजेपी को जैसे नया मुद्दा पकड़ा दिया और बीजेपी कांग्रेस पर हावी होती चली गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो पूर्व पीएम डॉ.मनमोहन सिंह के पुराने बयान को चुनावी जनसभाओं में उछाला और देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों के पहले हक वाले डॉ.मनमोहन सिंह की बात को भुनाया। इस दौरान चुनावी जनसभाओं में पीएम मोदी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बार बार कहते रहे कि कांग्रेसी मां-बहनों का मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे।

चार राज्य की 210 सीटों पर रहा फोकस

प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार के दौरान अपनी फोकस चार राज्यों पर केन्द्रीत किया। जिनमें उत्तरप्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र के साथ पश्चिम बंगाल शामिल है। जहां पीएम की सबसे अधिक रैलियां हुईं। 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तरप्रदेश में करीब 31 रैलियां प्रधानमंत्री ने की। बिहार में 20 जनसभाएं हुईं तो महाराष्ट्र में 19 रैलियों को प्रधानमंत्री ने संबोधित किया। उधर पश्चिम बंगाल में 18 रैलियां प्रधानमंत्री ने की। दरअसल इन चार राज्यों में लोकसभा 543 में से 210 सीटें आती हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री का पूरा फोकस इन चार राज्यों पर रहा।

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