मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के बाद अब सभी राजनीतिक पार्टियों ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों तेज कर दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अप्रैल मई महीने में लोकसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं। पिछले 2019 के आमचुनाव की बात करें तो इनमें से बीजेपी ने 28 सीट जीतने में कामयाबी हासिल की थी। जबकि कांग्रेस को महज एक सीट से छिंदवाड़ा से ही संतोष करना पड़ा था। लोकसभा की 29 सीटों में से कांग्रेस के पास छिंदवाड़ा ही एक सीट ऐसी जहां उसे लगातार जीत हासिल होती रही है। क्या है छिंदवाड़ा का सियासी इतिहास और किसी कमलनाथ को चुनाव में कब कब चुनौती देने की कोशिश की आइये जानते हैं छिंदवाड़ा का सियासी रण और लोकसभा चुनाव का समीकरण।
लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का भीले ही ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन इससे पहले ही पूरे देश में सियासी बिसात बिछना शुरु हो गई है। सियासी दल अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। ऐसी ही मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट सबसे खास मानी जाती है। छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र का उल्लेख होते ही सबसे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम कमल नाथ की तस्वीर सामने आ जाती है। दरअसल छिंदवाड़ा को कांग्रेस का गढ़ यूं ही नहीं माना जाता है। यहां लोकसभा के एक उप चुनाव को छोड़ दें तो पिछले 44 साल में इस सीट पर केवल कमल नाथ का ही बोलबाला रहा है। कमलनाथ लगातार छिंदवाड़ा से नौ बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुके हैं। पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनाव के समय कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे, ऐसे में छिंदवाड़ा सीट से उनके बेटे नकुलनाथ ने लोकसभा चुनाव का मैदान संभाला था। बीजेपी ने 2019 के चुनाव में नकुलनाथ के सामने आदिवासी नेता नत्थनशाह कवरेती को मैदान में उतारा था, लेकिन वे नकुलनाथ के सामने टिक नहीं सकें
छिंदवाड़ा से 2019 में नकुलनाथ ने जीत दर्ज की
2019 में छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में कुल 1514783 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 1248031 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार नकुल कमल नाथ ने इस सीट से जीत हासिल की और सांसद बने। उन्हें कुल 587305 वोट मिले थे। जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नत्थनसाह कवरेती कुल 549769 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। कवरेती को 37536 मतों से हार का सामना करना पड़ा था।
2014 में 116537 वोट से जीते थे कमलनाथ
साल 2014 के चुनाव में छिंदवाड़ा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 1402038 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 1107498 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार कमल नाथ इस सीट से जीते और सांसद बने। उन्हें कुल 559755 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चौधरी चंद्रभान कुबेर सिंह 443218 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 116537 मतों से हार गए।
2009 में मारोत राव को मिली छिंदवाड़ा में हार
2009 में छिंदवाड़ा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 1154249 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 829294 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार कमल नाथ इस सीट से जीते और सांसद बने। उन्हें कुल 409736 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मारोत राव खवासे कुल 288516 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 121220 मतों से हार गए।
यहा 2004 में प्रहलाद पटेल ने भी चखा हार का स्वाद
2004 में छिंदवाड़ा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 754637 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार कमलनाथ इस सीट से जीते और सांसद बने। उन्हें कुल 30ए8563 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रह्लाद सिंह पटेल कुल 244855 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 63708 मतों से हार गए।
1999 में 188928 वोट से कमलनाथ ने दर्ज की जीत
1999 में छिंदवाड़ा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 10,55697 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 625024 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार कमल नाथ इस सीट से जीते और सांसद बने। उन्हें कुल 399904 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संतोष जैन 210976 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वे 188928 मतों से हार गए।
उपचुनाव में सुंदरलाल पटवा से चुनाव हारे थे कमल नाथ
साल 1996 के लोकसभा चुनाव से पहले कमल नाथ हवाला मामले में घिर गए। तब कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से पत्नी अलका नाथ को चुनाव लड़वाया। वे जीत भी गईं थी। लेकिन कमल नाथ जैसे ही आरोपमुक्त हुए तो अलका नाथ से इस्तीफा दिलाया गया और 1997 में इस लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। जिसमें कमल नाथ को टक्कर देने के लिए भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को मैदान में उतारा था। संभवत: लोगों को इस तरह उपचुनाव कराना रास नहीं आया और कमलनाथ को बीजेपी के सुंदरलाल पटवा के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
1996 में अलका बनीं छिंदवाड़ा की ‘नाथ’
1996 में छिंदवाड़ा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 996034 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 602779 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उम्मीदवार अलका कमलनाथ ने इस सीट से जीत हासिल की और सांसद बनीं। उन्हें कुल 281414 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चौधरी चंद्रभान सिंह कुबरसिंह कुल 260032 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 21382 मतों से हार गए।
1991 कमलनाथ ने फिर चंद्रभान सिंह को किया परास्त
1991 में छिंदवाड़ा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 84ए2325 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 383118 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार कमल नाथ इस सीट से जीते और सांसद बने। उन्हें कुल 214456 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चौधरी चंद्रभान कुल 134824 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 79632 मतों से हार गए।
1989 में बीजेपी के माधव पर हासिल की जीत
1989 में छिंदवाड़ा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 828757 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 422404 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार कमल नाथ इस सीट से जीते और सांसद बने। उन्हें कुल 211799 वोट मिले। जनता दल के उम्मीदवार माधव लाल दुबे कुल 171695 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 40104 मतों से हार गए।
1984 में कमलनाथ ने 153825 से बीजेपी को परास्त किया
1984 में छिंदवाड़ा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 638430 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 349646 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार कमल नाथ इस सीट से जीते और सांसद बने। उन्हें कुल 23ए44846 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बत्रा राम किशन कुल 81021 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 153825 मतों से हार गए।
1980 में जनता पार्टी को भी मिली कमलनाथ के सामने हार
1980 में छिंदवाड़ा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 568711 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 286441 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आई के उम्मीदवार कमल नाथ ने इस सीट से जीत हासिल की और सांसद बने। उन्होंने कुल 14ए7779 वोट हासिल किए। जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रतुल चंद्र द्विवेदी 77648 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 70131 मतों से हार गए।
भारतीय लोकदल के उम्मीदवार को भी मिली कमलनाथ के सामने
हार
1977 में छिंदवाड़ा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 5ए14364 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 226943 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार गार्गीशंकर रामकृष्ण मिश्रा ने इस सीट से जीत हासिल की और सांसद बने। उन्हें कुल 99396 वोट मिले। भारतीय लोकदल के उम्मीदवार प्रतुलचंद्र द्विवेदी कुल 97027 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 2369 मतों से हार गए।
भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार भी कमलनाथ को नहीं हरा सके
1971 में छिंदवाड़ा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 516841 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 197209 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार गार्गीशंकर रामकृष्ण ने इस सीट से जीत हासिल की और सांसद बने। उन्हें कुल 103847 वोट मिले। भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार गुप्ता पुरुषोत्तमदास कुल 85613 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 18234 मतों से हार गए।