भारत ने लगाई लंबी छलांग…इस देश को पीछे छोड़ भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी…! जानें अगले 30 माह में कहां से कहां पहुंचेगा भारत

Leaving this country behind India became the fourth largest economy of the world Where will India reach in the next 30 months

भारत ने लगाई लंबी छलांग…इस देश को पीछे छोड़ भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी…! जानें अगले 30 माह में कहां से कहां पहुंचेगा भारत

भारत ने विश्व में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लिया है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने यह जानकारी दी है। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक के बाद उन्होंने यह बयान दिया है। भारत की यह प्रगति वैश्विक आर्थिक मंच पर भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाती है।

भारत बना विश्व की चौथी इकोनॉमी

नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि वैश्विक और आर्थिक परिदृश्य भारत के पक्ष में है। कोविड-19 महामारी के बाद जब अधिकांश देश मंदी के साथ आर्थिक अस्थिरता का सामना कर रहे थे, भारत ने निरंतर विकास दर बनाए रखी। विदेशी निवेश, तकनीकी नवाचार और मजबूत घरेलू मांग ने मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती दी है।

आने वाले 30 माह में बनेगा तीसरी शक्ति

सुब्रह्मण्यम ने भविष्य को लेकर भी एक सकारात्मक संकेत भी दिया और कहा कि “आने वालले 30 महीनों यानी ढाई वर्षों के भीतर भारत जर्मनी को भी पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यह लक्ष्य सरकार की दीर्घकालिक योजनाओं और सुधारों का परिणाम होगा। इससे भारत का वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव और अधिक बढ़ेगा।

सुधार, निवेश और विकास दर

भारत की अर्थव्यवस्था में यह तेज़ उछाल सरकारी सुधारों, इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था, और मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों की वजह से संभव हुआ है। भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि लगातार बनी हुई है और इस साल भी देश की विकास दर 6.5% से अधिक रहने की उम्मीद है। यह दर विकसित देशों से कहीं अधिक है।

वैश्विक मंच पर भारत की पकड़

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के साथ भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अधिक प्रभावशाली भूमिका निभा सकेगा। G20, ब्रिक्स और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंचों पर भारत की भागीदारी और निर्णयों की अहमियत पहले से कहीं अधिक होगी। इससे भारत की कूटनीतिक ताकत भी बढ़ेगी और वैश्विक निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा। बहरहाल भारत की यह उपलब्धि केवल आर्थिक सफलता नहीं, बल्कि 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं और सरकार की नीतियों की सफलता का प्रमाण है। आने वाले वर्षों में अगर यही रफ्तार बनी रही, तो भारत न केवल तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, बल्कि एक मजबूत वैश्विक नेता के रूप में भी उभरेगा।…प्रकाश कुमार पांडेय

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