ये है लैंड फॉर जॉब घोटाला … यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे लालू यादव, पूरे परिवार ने बटोरी थीं नौकरी के बदले जमीनें!

Land for Job Scam UPA One Government Railway Minister Lalu Yadav ED Inquiry

देश में इस वक्त सबसे बड़ी खबर ईडी की पूछताछ को लेकर चल रही है। आर जे डी प्रमुख और पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव का पूरा का पूरा परिवार ईडी की रडार पर है। खुद लालू प्रसाद यादव से लेकर उनके बेटे और बेटियों से लगातार घंटों पूछताछ की जा रही है। लालू यादव के पूरे परिवार पर चारा घोटाले के बाद ये दूसरा बड़ा आरोप लगा है। पूरा यादव परिवार जिस आरोप में लगातार सवालों के जवाब दे रहा है, वो है नौकरी के बदले जमीन घोटाला।

नौकरी के बदले औने-पौने दाम पर खरीद ली जमीन और बंगले

आइए विस्तार से बताते हैं कि इस आरोप के पीछे की कहानी क्या है। लालू प्रसाद यादव साल 2004 से 2009 तक यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री रहे थे। इस दौरान रेलवे में ग्रुप डी में भर्तियां की गईं थी। जिन्हें लेकर लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि केंडिडेट से नौकरी के बदले रिश्वत के तौर पर जमीन ली गई। सीबीआई की ओर से इस मामले में लालू प्रसाद यादव ही नहीं उनके परिवार पर भी केस दर्ज किया गया। यह आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने नौकरी के बदले परिजनों के नाम पर जमीनें रिश्वत में ली थी। लालू प्रसाद यादव पर यह भी आरोप है कि उन्होंने बगैर किसी विज्ञापन के रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी के लिए कई लोगों की भर्ती की। यहां तक कि सेंट्रल रेलवे को भी इन नियुक्तियों की जानकारी नहीं दी गई थी। इतना ही नहीं कई लोगों को तो बिना आवेदन के ही नौकरी दे दी गई बदले में उनके परिवार के नाम पर जमीन ली। नौकरी देने के बदले जमीन और बंगलों का लेन देन सस्ते औने पौने दाम पर हुआ है। इस तरह के सात बड़े मामले अब तक सामने आए हैं। जमीन के बदले किसी परिवार के एक तो किसी के दो सदस्यों को रेलवे में नौकरी मिली थी। सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ है कि पटना के रहने वाले इन लोगों को रेलवे के अलग अलग-अलग जोन में ग्रुप डी के तहत नौकरी दी गई। पहले इन सभी लोगों को सब्स्टिट्यूट के तौर पर रखा गया। बाद में सभी को रेग्यूलर कर दिया गया। लालू यादव पर आरोप है कि इन लोगों को साल 2008 से 2009 के बीच मुंबई, कोलकाता, जबलपुर, जयपुर और हाजीपुर में नौकरी दी गई थी।

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