लैंड फाॅर जाॅब मामला … लालू के बाद राबड़ी और मीसा भारती हिमा यादव को ईडी ने किया तलब

राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख और पूूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हो सकते हैं। ईडी की ओर से कथित जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के घोटाले से जुड़े धन शोधन वाले मामले में लालू प्रसाद ही नहीं उनके बेटे बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को पटना स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने को लेकर समन जारी किया था। जिसके तहत लालू प्रसाद को 29 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया है। वहीं उनके बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अगले दिन मंगलवार 30 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट ने बिहार में हुए लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट पर अब संज्ञान लिया है। स्पेशल जज विशाल गोगने ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ए मीसा भारतीए हिमा यादवए हृदयानंद चौधरी समेत मामले के सभी आरोपितों को अब 9 फरवरी को पेश होने के निर्देश दिये हैं। कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार अमित कात्याल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया। दरअसल अमित कात्याल ने 2006 और 2007 में एके इन्फोसिस्टम नामक कंपनी बनाई थी। ये कंपनी आईटी से जुड़ी हुई थी। इस कंपनी ने वास्तविक रूप से कोई व्यापार नहीं किया बल्कि कई भूखंड खरीदे। इनमें से एक भूखंड लैंड फॉर जॉब के अपराध से हासिल किया गया। कंपनी को 2014 में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर एक लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया गया था।

लालू के रेल मंत्री रहते हुआ था घोटाला

बता दें लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। इस घोटाले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था। भोला यादव ही वो सख्स हैं जो 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के ओएसडी रहे थे। भोला यादव का नाम ही इस महाघोटाले का कथित तौर पर मास्टरमाइंड के तौर पर माना जा रहा है। आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी देने के बदले जमीन लेने की के लिए कहा जाता था। कई युवाओं को नौकरी दी गई, जिनकी जमीनें अपने नाम लिखवा ली गई। नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का यह काम लालू के लिए ओएसडी रहे भोला यादव को ही सौंपा गया था।

Exit mobile version