वरिठ आईएएस ज्ञानेश कुमार को देश का नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया है। वरिष्ठ आईएएस ज्ञानेश कुमार नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले CEC हैं। वे सेवानिवृत्त सीईसी राजीव कुमार का स्थान लेंगे। भारत के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त बने ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक होगा। बता दें इससे पहले ज्ञानेश चुनाव आयुक्त थे। यह नियुक्ति पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति की बैठक के कुछ घंटे बाद आदेश जारी की गई।
- भारत के नए चुनाव आयुक्त बनाए गए ज्ञानेश कुमार
- भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया
- नई दिल्ली में पीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक
- तीन सदस्यों वाली समिति की बैठक में लिया फैसला
- ज्ञानेश कुमार 19 फ़रवरी को संभालेंगे मुख्य चुनाव आयुक्त की ज़िम्मेदारी
क़ानून मंत्रालय की ओर से सोमवार रात नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी गई है। हरियाणा के मुख्य सचिव रहे विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया है। वहीं ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आपत्ति कड़ी जताई है।
वरिष्ठ आईएएस ज्ञानेश कुमार के कार्यकाल के दौरान इसी साल बिहार में विधानसभा चुनाव और 2026 में केरल के साथ ही पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव संपन्न कराये जाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय में रह चुके हैं अतिरिक्त सचिव
केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस ज्ञानेश कुमार केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर रह चुके हैं। 2022 मई से वे अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में काम कर रहे थे। ज्ञानश कुमार ने गृह मंत्रालय में पांच साल बिताए। जहां पहले वे मई 2016 से लेकर सितंबर 2018 तक संयुक्त सचिव के पद पर रहे। इसके बाद फिर सितंबर 2018 से अप्रैल 2021 तक अतिरिक्त सचिव के रूप में भी गृहमंत्रालय में ही अपनी सेवाएं दीं। आईएएस ज्ञानेश कुमार को सहकारिता, संसदीय कार्य और रक्षा जैसे कई मंत्रालयों में सचिव के रूप में भी काम करने का अनुभव है।
क्या हैं ज्ञानेश कुमार का अनुच्छेद 370 से नाता
61 वर्षीय ज्ञानेश कुमार अगस्त—2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने वाले विधेयक के मसौदा तैयार करने वाली कमेटी में शामिल थे। उस समय वे केन्द्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव थे। साथ ही कश्मीर विभाग का नेतृत्व भी वे कर रहे थे। इसके साथ ही ज्ञानेश कुमार ने तीन तलाक को समाप्त करने के लिए बनाई गई समिति में भी अहम भूमिका निभाई थी। जब यह विधेयक संसद में पेश किया गया। तब वे नियमित रूप से केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के साथ संसद जाते थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान वे अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य भी रह चके हैं। जिसमें पूर्व आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्रा चेयरमैन थे। केंद्र सरकार की ओर से उन्हें श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में उन्हें अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था। वे राम मंदिर में भगवान श्रीराम की बाल स्वरूप प्रतिमा चयन के निर्णायक मंडल में भी ज्ञानेश कुमार शामिल रहे थे।
कौन-कौन था पैनल में शामिल
मुख्य चुनाव आयुक्त सीईसी की नियुक्ति के लिए तीन सदस्यीय एक पैनल बनाया गया था। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल थे। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस प्रक्रिया को तब तक रोकने की मांग की थी जब तक सुप्रीम कोर्ट में नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं सुना दिया जाता।