पायलट और गहलोत का झगड़ा सुलझाएंगे कमलनाथ,दिल्ली में होगी पायलट कमलनाथ की मुलाकात

Pilot Kamal Nath meet

राजस्थान विधानसभा चुनाव की गर्मी महसूस की जाने लगी है। इस बीच सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सियासी टसल बढ़ती जा रही है। एक दिन के अनशन के बाद सचिन पायलट दिल्ली जा रहे हैं। यहां उनकी पार्टी हाईकमान या पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात होगी या नहीं ये फिलहाल तय नहीं है। इस बीच मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ भी दो दिन के दिल्ली दौरे पर हैं। माना जा रहा है कि राजस्थान के सियासी संकट को लेकर सोनिया गांधी ने कमलनाथ को दिल्ली बुलाया है। दिल्ली में सचिन पायलट और कमलनाथ के बीच मुलाकात होने की संभावना है।

बता दें इससे पहले भी जब गहलोत और पायलट टकराहट बढ़ने पर सोनिया गांधी ने कमलनाथ को दोनों के बीच सुल​ह कराने का जिम्मा सौंपा था। उस समय कमलननाथ ने अपनी राजनीतिक कौशल का परिचय देते हुए किसी तरह विवाद बढ़ने से रोक दिया। अब एक बार फिर कमलनाथ को दिल्ली बुलाया गया है। इस बार फिर एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ को पार्टी ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें राजस्थान में पायलट और गहलोत के सियासी विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी दी है। पिछले दो साल से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जबरदस्त खींचतान चल रही है।

गहलोत और पायलट दोनों से कमलनाथ के अच्छे संबंध

कमलनाथ के पायलट और गहलोत दोनों से ही रिश्ते अच्छे हैं। इतना ही नहीं एमपी में 2020 के विधानसभा उपचुनाव के दौरान कमलनाथ की अपील पर सचिन पायलट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ जमकर प्रचार किया था। जबकि सिंधिया और पायलट में गहरी दोस्ती है। इसके बाद भी वे ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया समर्थकों के खिलाफ और कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करते नजर आए थे।

गांधी परिवार के विश्वासपात्र माने जाते हैं कमलनाथ

दरअसल कमलनाथ का नाम गांधी परिवार के करीबी और भरोसेमंद लोगों में शामिल हैं। इससे पहले राजस्थान में सियासी विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी कभी अहमद पटेल के पास हुआ करती थी, लेकिन उनके निधन के बाद पार्टी आलाकमान ने ये जिम्मेदारी कमलनाथ को सौंपी है। सचिन पायलट और गहलोत के बीच विवाद चरम पर पहुंच चुका है। पार्टी के कुछ बड़े नेता पायलट गुट के साथ खड़े होते नजर आ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान की चुनौती बढ़ती जा रही है। इन चुनौतियों के बीच कमलनाथ फिर गहलो​त और पायलट के बीच सुलह कराने की ​कोशिश करते नजर आएंगे। इसे लेकर वे दिल्ली में सचिन पायलट से मुलाकात करने वाले हैं।

वसुंधरा के बहाने गहलोत सरकार के खिलाफ पायलट ने किया था अनशन

बता दें पायलट ने मंगलवार को जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन किया था। हालांकि पायलट का ये अनशन राजस्थान की तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग और जिसमें कार्रवाई न करने पर वर्तमान सीएम गहलोत सरकार के खिलाफ था। पायलट पहले भी कई मौके पर वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच का मुद्दा उठा चुके हैं। दरअसल पायलट ने वसुंधरा राजे पर भ्रष्टचार और कुशासन के आरोप लगाते हुए अशोक गहलोत का एक पुराना वीडियो चलाया था, जिसके बाद सवाल किया था कि इन मामलों की जांच क्यों नहीं कराई गई। पायलट ने कहा कांग्रेस के पास पूर्व की बीजेपी सरकार के खिलाफ ठोस प्रमाण थे। इसके बाद भी उन मामलों में कार्रवाई नहीं की गई।

पुरानी तकरार है गहलोत – पायलट के बीच

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विवाद नया नहीं है। दोनों के बीच विवाद की कई बार खबरें आती रहीं हैं। बताया जाता है कि 2018 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली सफलता के बाद पायलट चाहते थे कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए लेकिन गहलोत ने उन्हें मौका नहीं दिया। इसके बाद से ही राजस्थान कांग्रेस में दो नेताओं के गुट चलते हैं।

कौन सुलझाएंगे पायलट और गहलोत का झगड़ा ?

Exit mobile version