मोदी सरकार की 9वीं वर्षगांठ पर होगा देश के नए संसद भवन का उद्घाटन , इस मंदिर की तर्ज पर बना है नया संसद भवन

मोदी सरकार की 9वीं वर्षगांठ पर होगा देश के नए संसद भवन का उद्घाटन , इस मंदिर की तर्ज पर बना है नया संसद भवन

देश को जल्द ही नई संसद मिलने जा रही है. संसद भवन के उद्घाटन की तैयारियां जोरों शोरों पर है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई के दिन नए संसद भवन का उद्घाटन कर सकते हैं. 28 मई को मोदी सरकार के भी 9 साल पूरे होने वाले है. ऐसे में बीजेपी नए संसद भवन के निर्माण को अपनी उपलब्धी के रूप में पेश करेगी. पीएम मोदी के लिए यह पल ऐतिहासिक होने वाला है. लेकिन अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि पुराना संसद भवन है तो नए की क्यों जरूरत पड़ी ? चलिए आपके इस सवाल का भी जवाब देते है और आपको नए संसद भवन की कई नई खासियतें बताते हैं.

 

पुराने संसद भवन का इतिहास
पुराने संसद भवन का इतिहास देंखे तो इसकी आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को तब के महामहिम द ड्यूक ऑफ कनॉट ने रखी थी. अंग्रेज दिल्ली को जब बसा रहे थे, उस समय उन्होंने इंग्लैण्ड के अतिथियों को रोकने के लिए इसका निर्माण करवाया था. इस संसद भवन का निर्माण ब्रिटिशर्स द्वारा मात्र छह सालों में पूरा कर लिया गया था. संसद भवन का उद्घाटन उस समय के तत्कालीन गर्वनर जनरल लॉर्ड इरविन ने 18 जनवरी, 1927 को किया था. इसके निर्माण में लगभग 84 लाख रूपयों की लागत आई थी. हालांकि 100 सालों बाद बहुत कुछ बदल गया है. बिल्डिंग भी पुरानी हो गई है और इसके कई सिस्टम्स में सुधार की जरूरत थी. इन सभी कारणों के कारण सरकार ने नए संसद भवन के निर्माण का फैसला लिया था.

 

970 करोड़ रूपए की लागत से बनी है नई संसद
संसद भवन की नई बिल्डिंग चार मंजिला है, जिसकी लागत लगभग 970 करोड़ रूपए है. अब संसद में सांसदों की बैठने की व्यवस्था की बात करें तो अधिकारियों के मुताबिक इस नए संसद भवन में लगभग 1,224 सासंदों के बैठने की व्यवस्था है. नई संसद में अगर संयुक्त सत्र भी बुलाया जाता है तो दोनों सदन के सांसद आसानी से बैठ पाएंगे. संसद की नई बिल्डिंग में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को भी संजोया जाएगा. सांसदों के भोजन और पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था होगी. आपको बता दें कि नए ससंद भवन में तीन प्रवेश द्वार होंगे जिनका नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार होगा. नई संसद मप्र के विदिशा में स्थित विजय मंदिर पर बनाया गया है. यह भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है जिसका जीर्णोध्दार अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था.

 

नई संसद की खूबियां
नई संसद का क्षेत्रफल 17 हजार वर्ग मीटर होगा , जो पुरानी संसद से बड़ा होगा. यह बिल्डिंग भूकंप निरोधी भी होगी.इसके साथ ही नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्‍त होगा. नई संसद की सजावट में भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प और वास्तुकला को देंखा जा सकेगा. संसद में एक गैलरी भी होगी, जिसे आम लोगों भी इसे देंख सकेंगे. मोदी सरकार इस संसद भवन को नए भारत की पहचान के रूप में स्थापित करेगी. इस नए भवन से 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी. हालांकि नई संसद बनने के बाद पुराने संसद भवन का उपयोग जारी रहेगा, इसमें सरकारी और संसदीय आयोजन किए जाएंगे और इसे ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित किया जाएगा.

 

मोदी सरकार की 9वीं वर्षगांठ पर होगा उद्घाटन
आपको बता दें कि 26 मई 2023 को मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने वाले है. पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ 30 शपथ को ली थी. ऐसे में उनके कुल कार्यकाल के नौ साल पूरे होने पर नए संसद भवन का बड़ा भव्य उद्घाटन हो सकता है. संसद भवन के उद्घाटन के साथ पीएम मोदी रैलियां भी कर सकते हैं.

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