External Affairs Minister:पाकिस्तानी मंत्री हिना रब्बानी को भारतीय विदेश मंत्री का करारा जवाब-पाकिस्तान आतंकवाद का ‘एपिसेंटर’,कभी पालने वाले को भी डस लेता है सांप

Indian Foreign Minister's befitting reply to Pakistani minister Rabbani

External Affairs Minister:भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को एक बार फिर कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद का एपिसेंटर के तौर पर देखती है। एस जयशंकर ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में एक पत्रकार द्वारा पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार के बयान से जुड़े सवाल पर ये जवाब दिया। बता दें हिना रब्बानी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि किसी भी देश ने भारत से अच्छा आतंकवाद का इस्तेमाल नहीं किया।

हिना रब्बानी को एस जयशंकर की सलाह

एस जयशंकर ने Pakistan की विदेश राज्यमंत्री Hina Rabbani Khar को सलाह दी और कहा पाक को अपनी गतिविधियों को सुधारना चाहिए। एक अच्छा पड़ोसी बनने की कोशिश करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री का उल्लेख किया। एस जयशंकर ने कहा कि उन्होंने मीडिया रिपोर्ट में हिना रब्बानी का बयान पढ़ा। इस दौरान करीब एक दशक पुराना समय याद आ गया। जब हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान का दौरा किया था। उस समय हिना रब्बानी खार भी मंत्री थीं। जिनके साथ क्लिंटन ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि आप अपने घर के बैकयार्ड में सिर्फ यह सोचकर सांप नहीं रख सकते कि वे सिर्फ आपके पड़ोसी को काटेंगे। वे उन लोगों को भी काटेंगे। जिन्होंने उन्हें पाल रखा है। लेकिन आप सभी को पता है कि पाकिस्तान अच्छी सलाह लेने के लिए नहीं जाना जाता। आज आप देखिए वहां क्या हो रहा है?

दुनिया नहीं भूली कहां है आतंकवाद की जड़

Indian Foreign Minister ने कहा कि दुनिया मूर्ख नहीं है। आतंकवाद में शामिल देशों, संगठनों और लोगों को पूरी दुनिया पहचानती है। उन्होंने कहा कि Pakistan जो कुछ भी कह रहा हों। सच्चाई यह है कि सभी लोग पूरी दुनिया आज उन्हें आतंकवाद के केन्द्र के रूप में देखती है। दो साल के कोरोना काल के बाद भी वैश्विक समुदाय यह नहीं भूला है कि आतंकवाद की इस बुराई की जड़ कहां है। एस जयशंकर ने कहा कोरोना काल का उल्लेख करते हुए कहा उन्हें पता है कि दुनिया पिछले ढाई साल से कोरोना से जूझ रही है। इस दौरान कुछ बाते और यादें थोड़ी धुंधला गई हैं। लेकिन वे यह कह सकते हैं कि दुनिया यह नहीं भूली है कि आतंकवाद शुरू कहां से होता है। क्षेत्र से बाहर तमाम गतिविधियों पर किसकी छाप नजर आती है।

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