नई दिल्ली। भारत अब मेक इन इंडिया के सहारे हथियारों के मामले में दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता को कम कर रहा है। वैसे हम हथियारों के मामले में सबसे ज्यादा रूस और अमेरिका पर निर्भर हैं, लेकिन स्वदेशी हथियारों पर अब अधिक काम किया जा रहा है।
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और DRDO के जरिए यह काम किया जा रहा है
- हाल ही में आयोजित एयरो इंडिया 2023 में कई देशों के फाइटर विमानों की ताकत देखी गयी
- इस दौरान HAL के एक अधिकारी ने कहा कि रूसी Mi-17 को बदलने के लिए भारत के पास अगले 8 से 10 वर्षों में एक स्वदेशी हेलीकॉप्टर होने की संभावना है
- इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ‘भविष्य के लिए 13-टन भारतीय मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (IMRH) का प्रारंभिक डिजाइन पहले से ही शुरू किया जाएगा और बस फंडिंग का इंतजार हो रहा है
- कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की मंजूरी के चार साल के भीतर हम प्रोटोटाइप की पहली उड़ान के लिए तैयार हो जाएंगे और अगले चार साल के भीतर टेस्टिंग सर्टिफिकेट को प्राप्त कर लेंगे
- हेलीकॉप्टर आठ साल बाद भारतीय वायुसेना में शामिल होने के लिए तैयार होगा
फिलहाल भारत रूस पर है निर्भर
देश की स्वदेशी मीडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना के परिवहन हेलिकॉप्टर बेड़े के अंतर को कम कर देगा। भारतीय वायुसेना यानी IAF के पास वर्तमान में लगभग 250 Mi-17 हेलिकॉप्टर हैं। इनमें से हरेक हेलीकॉप्टर 30 से अधिक सैनिकों और कई हथियारों के भार को ढो सकता है। स्वदेशी हेलीकॉप्टर IMRH हवाई हमले, हवाई परिवहन, लड़ाकू रसद, युद्ध खोज और बचाव, और बचाव के काम करने में सक्षम होगा। यह समुद्र तल से 4,500 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम होगा।
- हेलीकॉप्टर के इंजन को फ्रांस के सफरान हेलीकॉप्टर इंजन और एचएएल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जाएगा
- एयरो इंडिया के दौरान, दोनों ने हेलीकॉप्टर इंजनों के डिजाइन, विकास, निर्माण और आजीवन समर्थन के लिए एक संयुक्त उद्यम के गठन के लिए एक वर्कशेयर समझौते पर हस्ताक्षर किया है
- प्रत्येक हेलीकॉप्टर की कीमत 300 करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है और एचएएल 500 से अधिक हेलीकॉप्टरों के न्यूनतम आदेश पर विचार कर रहा है