2050 में भारत आगे झुकेंगी विश्व की महाशक्तियां…जानें क्या है ब्रिटेन के पूर्व पीएम टोनी ब्लेयर की भविष्यवाणी का सच…!
दुनिया में महाशक्ति बनाता भारत और इजरायल-ईरान युद्ध, रूस-यूक्रेन युद्ध का भारत पर प्रभाव क्या है। यह युद्ध भारत को महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर कर रहे हैं या फिर भारत को महाशक्ति बनने में कहीं न कहीं बाधक साबित हो रहा है।
भारत बना सबसे शक्तिशाली देश
एशिया में तीसरा सबसे शक्तिशाली देश
रूस,जापान को छोड़ा पीछे, पाकिस्तान का हाल बुरा
सुपर पावर रैंकिंग में भारत ने कायम किया दबदबा
एशिया में भारत की बढ़ी धाक
2050 तक भारत बनेगा सुपरपावर
हाल ही में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने भारत को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। टोनी ब्लेयर ने उन तीन देशों का नाम बताया है, जो उनके मुताबिक 2050 में दुनिया की बड़ी महाशक्ति होंगे। जिसमें भारत का भी नाम शामिल है। साथ ही साथ एशिया पावर इंडेक्स 2024 यह बताता है कि इस समय जापान को पीछे छोड़कर भारत दुनिया का तीसरा सुपर पावर बनने की ओर अग्रसर है। लेकिन दुनिया भर में हो रहे युद्ध चाहे वह रूस यूक्रेन युद्ध हो या फिर हाल ही में शुरू हुआ इसराइल ईरानी युद्ध। क्या भारत को महाशक्ति बनने देंगे। क्या यह युद्ध भारत को महाशक्ति बनने में सहायक हैं या फिर भारत के महाशक्ति बनने में बाधक।
पीएम मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं — सुपरपावर बनने की राह पर भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कहते रहे हैं कि भारत सुपरपावर बनने की राह पर है। अब उनकी बात पर ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने मोहर लगा दी है। उन्होंने 2050 तक जिन तीन महा शक्तियों के नाम लिए हैं उनमें रूस का नाम नहीं है। उसके स्थान पर भारत अपना सिक्का जामने लगा है। अर्थात 2050 तक अमेरिका चीन और भारत यह तीन ही महा शक्तियां रह जाएंंगी। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेदयर ने कहा कि 2050 तक यह गणित बिगड़ जाएगा। दुनिया बहुध्रुवीय हो जाएगी। जिन्हें आज हम सुपरपावर समझते हैं। उनमें से कुछ इस रेस से बाहर हो जाएंगे। टोनी ब्लेयर ने कहा 2050 तक सिर्फ तीन महाशक्तियां होंगी। बता दें कि पीएम मोदी भी यह लगातार कहते आ रहे हैं कि मौजूदा युग भारत का है। भारत सुपरपावर बनने की राह पर है।
ब्रिटेन के पूर्व पीएम टोनी ब्लेयर का बयान तो ठीक है अब ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित लोवी संस्थान द्वारा जारी ‘एशिया पावर इंडेक्स 2024 में भी बताया गया है कि COVID-19 के बाद भारत ने एक मजबूत आर्थिक विकास के बीच जापान को पीछे छोड़ दिया है। भारत 100 में से 39.1 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर आ पहुंचा है। रिपोर्ट के अनुसार 2024 के इंडेक्स में 81.7 स्कोर के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका शीर्ष स्थान पर है। उसके बाद चीन दूसरे स्थान (72.7) पर है।
एशिया पदर इंडेक्स …एशिया पावर इंडेक्स 2024
रैंक देश स्कोर/100
1 USA 81.7
2 चीन 72.7
3 भारत 39.1
4 जापान 38.9
5 ऑस्ट्रेलिया 31.9
दुनिया में महाशक्ति तभी बना जा सकता है जब देश की आर्थिक स्थिती सही हो। जिसके लिए व्यापार में वृद्धि होती रहनी आवश्यक है, लेकिन ईरान और इसराइल के बीच हो रहे युद्ध से महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर व्यवधान उत्पन्न हो रहे हैं। भारतीय कंपनियों को व्यापार में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इससे आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ रहा है। अगर जानकारी की माने तो इसराइल और ईरान के बीच संघर्ष भारतीय निर्यातकों के लिए महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग लाल सागर को बाधित कर सकता है। जो मध्य पूर्व से व्यापार का प्रमुख रास्ता है। वैसे यह रात्ता हुती विद्रोहियों की वजह से पिछले साल से ही बाधित है। लाल सागर आई लाल सागर से होते हुए भारतीय व्यापार पर नजर डालते हैं।
लाल सागर से व्यापार!
भारत में स्वेज नहर से यूरोप उत्तरी अमेरिका उत्तर अफ्रीका और मध्य पुर के अन्य देशों के साथ निर्यात करने के लिए कंपनियां लाल सागर का उपयोग करती है। वित्त वर्ष 2030 में इस क्षेत्र के जरिए भारत ने अपने 50% निर्यात किए थे जिसकी वैल्यू करीब 18 लाख करोड रुपए थी।
इस क्षेत्र के जरिए होने वाले व्यापार की आयत में हिस्सेदारी 30% थी जिसकी वैल्यू 17 लाख करोड रुपए थी। कंपनियां पिछले साल नवंबर से लाल सागर के अलावा वैकल्पिक मार्गो से व्यापार कर रही हैं इससे सामान पहुंचाने में 15 से 20 दिन का समय अधिक लग रहा है। लाल सागर का संकट पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुआ था जब ईरान समर्थित होती विद्रोही व्यापार में बड़ा करने लगे थे ऐसे में इन युद्धों का क्या होगा प्रभाव इस पर भी चर्चा हो रही है।