गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य बना कूनो के चीतों का नया घर…जानें कितने चीतों को यहां छोड़ेंगे सीएम डॉ.मोहन यादव
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से चीतों को एमपी में ही दूसरे सुरक्षित स्थान पर बसाया जा रहा है। यह स्थान है मंदसौर और नीमच जिले की सीमा पर बना गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य, जिसमें कूनो से चीतों को लाया जाने वाला है। इससे पहले इन चीतों को श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था। चीतों को गांधीसागर ले जाने की योजना और तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। बताया जाता है कि रविवार 20 अप्रैल को चीतों को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
- चीतों का पुनर्वास प्रकृति से प्रगति
- प्रगति से प्रकृति के संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम
- एमपी में चीता प्रोजेक्ट का विस्तार
- रविवार 20 अप्रैल को गांधीसागर अभयारण्य में छोड़ेंगे चीते
- कूनो के चीतों को मिला नया घर
- 150 चीतल 80 चिंकारा
- 50 नीलगाय छोड़ी गईं
- चीतों के इलाज के लिए विशेष हॉस्पिटल तैयार
- ट्रैकिंग टीम करेगी चीतों की गतिविधि की निगरानी
- कूनो से मंदसौर स्थित गांधी सागर में शिफ्ट होंगे चीते
- गांधी सागर अभ्यारण में सभी तैयारियां हुईं पूरी
- दो नर चीते कूनों से गांधी सागर लाए जाएंगे
- सीएम डॉ.मोहन यादव गांधी सागर में छोड़ेंगे चीते
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश की धरती पर चीता प्रोजेक्ट का संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। भारत ही नहीं लगभग पूरे एशिया महाद्वीप से विलुप्त हो चुके चीतों का मध्यप्रदेश की धरती पर पुनर्वास कर राज्य सरकार प्रकृति से प्रगति और प्रगति से प्रकृति के संरक्षण की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय पर्यावरण, वन एनं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ मिलकर उन्होंने मध्यप्रदेश में संचालित चीता प्रोजेक्ट की समीक्षा की है। इस समीक्षा के दौरान तय किया कि प्रदेश में चीता प्रोजेक्ट का विस्तार अब किया जाए। केन्द्रीय वन मंत्री यादव ने कूनो नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाओं में वृद्धि किये जाने सहित अन्य कई महत्वपूर्ण सुझाव राज्य सरकार को दिए हैं। जिन पर राज्य सरकार पूरी शिद्दत से अमल करेगी।
मुख्यमंत्री का कहना है कि मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क के बाद अब मंदसौर स्थित गांधीसागर अभयारण्य मध्यप्रदेश का दूसरा ऐसा स्थान बनेगा। जहां पर कूनो के चीतों को बसाया जा रहा है। एमपी सरकार चीता प्रोजेक्ट के विस्तार की स्वीकृति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के प्रति आभारी है। रविवार 20 अप्रैल को मंदसौर के गांधीसागर अभयारण्य से मध्यप्रदेश में चीता प्रोजेक्ट का विस्तार किया जाएगा। यह प्रयास वन्य जीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा। साथ ही वन्य जीव संरक्षण प्रेमियों और देशी-विदेशी सैलानियों के लिए भी यह पल उत्साह का अवसर होगा।
चीता प्रोजेक्ट पर अब तक 112 करोड़ रुपये खर्च
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एनटीसीए की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया है कि देश में चीता प्रोजेक्ट पर अब तक करीब 112 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है। इसमें से 67 फीसदी राशि मध्यप्रदेश में हुए चीता पुनर्वास पर खर्च की हुई। वहीं प्रोजेक्ट चीता के तहत ही अब एमपी के गांधीसागर अभयारण्य में भी चीतों को चरणबद्ध तरीके से विस्थापित किया जाएगा।। गांधीसागर अभयारण्य की सीमा राजस्थान से लगती है ऐसे में मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्य के बीच अंतर्राज्यीय चीता संरक्षण परिसर की स्थापना के लिए सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। फिलहाल कूनो और गांधीसागर अभयारण्य में ही चीता मित्रों की क्षमता संवर्धन के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है।
अब बोत्सवाना से लाए जाएंगे आठ चीते
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना के साथ ही केन्या से और अधिक चीते भारत लाये जाने के लिए प्रयास निरंतर जारी हैं। आने वाले दिनों में दो चरण में आठ चीते भारत लाए जाएंगे। अगले माह मई तक बोत्सवाना से चार चीते भारत लाए जाने की योजना है। इसके बाद दूसरे चरण में चार और चीते बोत्सवाना से लाये जाएंगे। फिलहाल भारत और केन्या के बीच चीतों को लाए जाने को लेकर अनुबंध पर सहमति बनाई जा रही है।….प्रकाश कुमार पांडेय