मध्यप्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव रहीं निर्मला बुच का बीती रात निधन हो गया। उनके निधन की सूचना से प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर है। बता दें निर्मला बुच 22 सितंबर 1991 से 1 जनवरी 1993 तक मध्य प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। उनकी कार्यदक्षता के साथ क्षमता को देखते हुए गुजरात के तत्कालीन सीएम शंकरसिंह बाघेला ने 1996 में निर्मला बुच को अपनी सरकार का सलाहकार नियुक्त किया था। इसके साथ मध्यप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी उन्हें अपना सलाहकार बनाया था।
- एमपी की पहली महिला सीएस थीं निर्मला बुच
- 22 सितंबर 1991 से 1 जनवरी 1993 तक संभाली सीएस की जिम्मेदारी
- महिलाओं के हित में किये कई काम
- महिला चेतना मंच की स्थापना
- 1960 में किया मंसूरी एकेडमी से प्रशिक्षण प्राप्त
- 1961 में जबलपुर में हुई थी पहली पदस्थापना
निर्मला बुच ने कई प्रशासनिक पदों पर रहते हुए उन्होंने प्रदेश के विकास का जो मॉडल तैयार किया था वह आज भी प्रासंगिक है। श्रीमती बुच भारत सरकार के योजना आयोग में 1988-89 में सलाहकार रहीं। साल 1993 में ग्रामीण विकास मंत्रालय में बतोर सचिव की हैसियत से विकास परियोजनाओं का सुचारू रूप से प्रबंधन किया। साल 1978 से 1981 तक महिलाओं के लिए बनी राष्ट्रीय महिला समिति की प्रमुख रहीं। प्रमुख सचिव के रूप में मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास में पंचायती राज की रूप रेखा तैयार की जो महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण को लेकर पहला कदम था। उनकी कार्यदक्षता के साथ क्षमता को देखते हुए गुजरात सरकार ने साल 1996 में निर्मला बुच को सलाहकार नियुक्त किया था। साल 1997 से 2000 तक भारत सरकार के राष्ट्रीय पर्यावरण अपीलीय प्राधिकरण की उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए शुद्ध पर्यावरण का प्रारूप तैयार किया था।
महेश्वर पनबिजली परियोजना के पुर्नवास निगरानी समिति की प्रमुख भी रहीं
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के तहत महेश्वर पनबिजली परियोजना के पुर्नवास निगरानी समिति की प्रमुख भी रहीं थीं। इस हैसियत से उन्होंने पुर्नवास की व्यवस्था सुचारू रूप से की। केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय में विशेष सलाहकार रहीं। निर्माला बुच ने स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर राष्ट्रीय महिला कोष को प्रभावी बनाने की दिशा में काम किया। महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक दशा सुधारने के लिए 17 राज्यों में कोष का प्रभावी ढंग से संचालन किया जा रहा है। बता दें मध्यप्रदेश की महिला नीति बनाने और उसे लागू करवाने में भी निर्मला बुच की अहम भूमिका रही है। यूएनडीपी प्रोजेक्ट के तहत पांच राज्य मप्र, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश की महिलाओं की नेतृत्व क्षमता विकास के लिए काम किया। सीएम बनने पर उमा भारती ने उन्हें अपना सलाहकार नियुक्त किया था। इसके साथ ही निर्मला बुच ने कई पुस्तकों का संपादन भी किया। इनमें 2000 में प्रकाशित समाज विज्ञान संस्था, नई दिल्ली की ओर से अवधारणा पुस्तिका भारत के राज्य और संघ राज्य में पंचायती राज की स्थिति, मप्र महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रकाशित महिला कल्याण नीति, पंचायत में दो बच्चों के लिए आदर्श कानून की अवधारणा शामिल है।
यूपी के खुर्जा जिले में हुआा था जन्म
निर्मला बुच का जन्म 11 अक्टूबर 1925 को यूपी के खुर्जा जिले में हुआ था। उन्होंने महिलाओं पर होने वाले अन्याय का सदैव विरोध किया। निर्मला बुच ने 1955 में काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य, मनोविज्ञान और दर्शनशास्त्र विषय के साथ स्नातक करने के बाद इसी यूनिवर्सिटी से साल 1957 में अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि भी हासिल की। ज्ञान साधक निर्मला को 1969 से 1970 के दौरान एमपीए प्रोग्राम की पढ़ाई के लिए फेलोशिप प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की ओर से प्रदान गया था। अध्ययनशील निर्मला बुच ने साल 1957 और 1959 में जर्मन ही नहीं फ्रेंच भाषा में भी दो साल का डिप्लोमा किया था।
1960 में IAS में चयन
निर्मला बुच का आईएएस में चयन होने पर 1960 में मंसूरी से प्रशिक्षण हासिल किया था। उनकी पहली पदस्थापना 1961 में जबलपुर में हुई थी। जहां उन्होंने असंख्यक महिलाओं की संरक्षक एवं मार्गदर्शक की भूमिका निभाई। स्वयं को ही रोल मॉडल मानकर निर्मला बुच ने महिलाओं को मानसिक गुलामी से मुक्त कर स्वावलम्बी बनाने का बीड़ा उठाया था उन्होंने महिलाओं में चेतना जागृत करने के उद्देश्य से महिला चेतना मंच की स्थापना भी की थी। वे महिला कर्मचारियों के आर्थिक स्वावलम्बन और उनके बच्चों की देखभाल के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहीं। 1961 से 1993 तक मध्य प्रदेश और भारत सरकार के विभिन्न विभागों के प्रशासन एवं प्रबंधन के पदों की जिम्मेदारी का निर्वहन उन्होंने किया। बता दें निर्मला बुच जब देवास में कलक्टर थीं। तब उज्जैन कलेक्टर एमएन बुच के प्रतिभाशाली व्यक्तित्व से वे प्रभावित हुईं। बाद में दोनों विवाह सूत्र में बंधे। उनका एक पुत्र भी है।