खंडवा जिले की मांधाता विधानसभा सीट मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है। बात करें मतदाताओं की तो यहां लगभग सवा दो लाख मतदाता है और मुंदी, पुनासा और ओम्कारेश्वर तीन यहां के बड़े नगर हैं। मांधाता विधानसभा में ही इंदिरा सागर बांध, सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट, पर्यटक स्थल हनुवंतिया और ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर स्थित हैं। इस बार के चुनाव में जनता का क्या मूड क्या है। आइए जानते है। मांधाता सीट पर 2020 में हुए उप चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। इस बार विधानसभा चुनाव के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे। यह जनता को तय करना है। हम विधानसभा सीट के मुद्दों साथ-साथ जान सकेंगे यहां के पिछले चुनावों में विजेता, उपविजेता कौन रहा। वोट शेयर कितने प्रतिशत रहा। इस बार विधानसभा चुनाव के मुख्य मुद्दों की बात करें तो यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, भ्रष्टाचार और विकास की योजनाएं हैं।
- मांधाता विधासभा सीट जिला खंडवा
- नारायण पटेल मांधाता से बीजेपी विधायक
- कांग्रेस के पूर्व विधायक राजनारायण पुरणी
- कौन होगा 2023 में ‘मांधाता का विधाता
- बीजेपी क्या इस बार बचा पायेगी मांधाता सीट
- मांधाता सीट पर क्या कांग्रेस वापसी?
- मांधाता विधानसभा सीट का समीकरण
- कभी हार कभी जीत यही है मांधाता सीट का इतिहास
- 2018 में कांग्रेस ने दर्ज की थी यहां से जीत
- 2020 के उपचुनाव में बीजेपी ने मार ली बाजी
- मांधाता में हैं गुर्जर और राजपूत मतदाता
- खंडवा जिले की महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है मांधाता
- करीब 1 लाख 90 हजार 974 मतदाता
- सबसे अधिक 29 हजार गुर्जर मतदाता
- 18500 बंजारा और 18 हजार राजपूत मतदाता
- आदिवासी मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है
- मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 9800
मध्यप्रदेश के खंडवा की मांधाता विधानसभा को किसी एक राजनीतिक दल का गढ़ नहीं कहा जा सकता है। यहां के मतदाताओं ने कांग्रेस और बीजेपी को समय-समय पर मौका दिया है। वर्तमान में बीजेपी के नारायण पटेल मांधाता से विधायक हैं। नारायण पटेल ने साल 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और महज़ 1236 वोट के अंतर से चुनाव जीते थे। जिसके बाद मध्यप्रदेश में तख्तापलट हुआ और नारायण पटेल ने भी बीजेपी ज्वाइन की। उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे नारायण पटेल ने 22 हजार से ज्यादा वोटों से यहां जीत दर्ज की थी। बात करें मांधाता विधानसभा धर्म, संस्कृति, आध्यात्म, पर्यटन और बिजली पानी की तोहर मामले में सक्षम होने के बाद भी इस विधानसभा में विकास उस गति से नहीं हो पाया। जिस गति से होना चाहिए था। मां नर्मदा यहां मौजूद है। नर्मदा के बैक वाटर में बने पर्यटन स्थल हनुवंतिया यहां मौजूद है। इंदिरा सागर और ओमकारेश्वर डैम यहां बना है। इसके साथ ही श्री संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट भी यहां मौजूद है। इसके बाद भी विधानसभा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों की कमी है। यहां का युवा बाहर जाने को मजबूर हैं। पानी है लेकि फसलों का उचित दाम नहीं मिलने से यहां के किसान हमेशा फसलों के लिए चिंतित रहते हैं।
- ओंकारेश्वर की नगरी है मांधाता
- मांधाता विधानसभा में विकास तो हुआ
- रोजगार के लिए पलायन कर रहे युवा
- मांधाता क्षेत्र के ये हैं चुनावी मुददे
- शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार
- भ्रष्टाचार और विकास की योजना है मुद्दा
- युवाओं को रोजगार की तलाश
- कांग्रेस का आरोप—नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
- भरपूर पानी,किसानों की अच्छी होती हैं फसलें
- फसलों का नहीं मिलता किसानों को उचित दाम
- किसान फसलों को लेकर रहते हैं चिंतित
मांधाता विधानसभा क्षेत्र में ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकराचार्य जी की 108 फिट की प्रतिमा का कार्य चल रहा है। सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट, इंदिरा सागर बांध, ओंकारेश्वर बांध यहां पर मौजूद है। संत सिंगाजी धाम हनुमंतिया पर्यटन स्थल और साथ गांवों में सड़कें भी अच्छी हैं। बिजली और पानी यहां पर पर्याप्त है। मांधाता विधानसभा के वर्तमान विधायक नारायण पटेल विकास और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के दावे कर रहे हैं। वे कहते हैं विधानसभा क्षेत्र में जनता की सुविधाओं के लिए हर वह कार्य किया है। जिससे जनता को लाभ मिल सके। क्षेत्र के किसानों को सिंचाई परियोजना का लाभ मिल रहा है। आदि गुरु शंकराचार्य जी की प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। सड़कें बन रही हैं। दावा किया जा रहा है कि बीजेपी की सरकार में गरीब से गरीब लोगों तक सभी योजनाएं पहुंच रही हैं। किसानों के लिए पर्याप्त पानी और बिजली यहां मौजूद है।
विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस की हालत यहां पर भी वैसी ही है। जैसी वह प्रदेश के अन्य जिलों में लेकिन यहां के स्थानीय कांग्रेस नेता अपने बूते पर मजबूत है। यही वजह है जो बीते जिला पंचायत चुनाव में मांधाता विधानसभा की तीनों जिला पंचायत सीट कांग्रेस ने जीती थीं। इसके साथ ही कांग्रेस ने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए। कांग्रेस नेताओं और पार्टी के पूर्व विधायक राजनारायण सिंह कहना है। मांधाता में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है। स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। कोई बड़ी कंपनी या उपक्रम नहीं जिसमें यहां के लोकल युवाओं को रोजगार मिलता। ओंकारेश्वर के लोगो को अतिक्रमण के नाम पर बार-बार परेशान किया जाता है। ग्राम नर्मदा नगर में 35 वर्षो से रहने वाले लोगों को आज तक पट्टे नही मिले।
मांधाता विधानसभा क्षेत्र में में तक रहे विधायक
1962 से 1962 से 1967 राव भीमसिंह भानगढ़— जनसंघ
1967 से 1972 तक राधाकिशन भगत— जनसंघ
1972 से 1977 तक रघुनाथ राव मंडलोई— कांग्रेस
1977 से 1980 तक राणा रघुराज सिंह तोमर—जनता पार्टी
1980 से 1985 तक राणा रघुराज सिंह तोमर— भाजपा
1985 से 1990 तक राजनारायण सिंह— कांग्रेस
1990 से 1993 तक राणा रघुराज सिंह तोमर— भाजपा
1993 से 1998 तक राणा रघुराज सिंह तोमर— भाजपा
1998 से 2003 तक राजनारायण सिंह— कांग्रेस
2003 से 2008 तक राज नारायण सिंह— कांग्रेस
2008 से 2013 तक लोकेंद्र सिंह तोमर— भाजपा
2013 से 2018 तक लोकेंद्र सिंह तोमर— भाजपा
2018 से 2020 तक नारायण पटेल— कांग्रेस
2020 उपचुनाव में नारायण पटेल— भाजपा
मांधाता विधानसभा यहां से 2003 में कांग्रेस के टिकट पर ठाकुर राजनारायण सिंह जीते थे। उनके बाद 2008 और 2013 में बीजेपी के लोकेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की। फिर 2018 में कांग्रेस के नारायण पटेल ने बीजेपी के लोकेन्द्र तोमर को हराकर जीत दर्ज की। लेकिन 15 महीने बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के 28 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने पर कमलनाथ सरकार गिर गई थी। उस समय कांग्रेस के मान्धाता विधायक नारायण पटेल भी भाजपा में चले गए थे। लेकिन 2020 के उपचुनाव नारायण पटेल ने बीजेपी के ही के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की। मध्यप्रदेश में अब विधानसभा चुनाव की बेला आ गई। साल खत्म होते-होते मतदाता एक बार फिर अपनी सरकार चुनेंगे।