भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त शिवलिंग पर बहुत सी चीजें चढ़ाते हैं। हालांकि, कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिन्हें शिवलिंग पर कभी भूलकर नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि यह वर्जित माना जाता है।
वैसे तो भगवान शिव को उनके भक्त हर दिन याद करते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि का दिन हिंदू धर्म में बेहद खासा माना गया है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि पर हम महाशिवरात्रि का पर्व मनाते हैं। इस साल भी महाशिवरात्रि 26 फरवरी के दिन मनाई जाएगी। शिव भक्तों में इसे लेकर उत्साह है। भोलेनाथ को उनकी प्रिय वस्तुओं को भोग स्वरुप लगाते हैं और मनोकामना मांगते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार बहुत सी वस्तुएं चढ़ाते हैं। लेकिन कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं। जिन्हें चढ़ाने पर भोले नाथ भ अप्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव को यह वस्तुएं चढ़ाना वर्जित माना जाता है। इन चीजों को शिव की पूजा में कभी शामिल नहीं किया जाता।
महाशिवरात्रि के दिन भी आप भगवान शिवजी की पूजा करते समय इन चीजों का इस्तेमाल न करें। हम आपको बताते हैं कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिवलिंग पर कौन सी चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए।
भोलेनाथ को पसंद नहीं हैं ये चीजें
तुलसी :—
पौराणिक कथा के अनुसार तुलसी को श्रापित माना गया है। मान्यता है कि पिछले जन्म में तुलसी का नाम वृंदा था। वृंदा एक राक्षस की भार्या पत्नी थी। भगवान शंकर ने ही वृंदा के पति का वध किया गया था। जिसकी वजह से तुलसी को भगवान शिव को चढ़ाना वर्जित माना जाता है। माना जाता है कि भगवान शिव को कभी भी तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।
सिंदूर :—
धार्मिक मान्यता है कि भगवान शंकर को सिंदूर अर्पित करना भी वर्जित माना गया है। सिंदूर सुहाग की निशानी माना जाता है। जबकि भगवान शिव को संहारक या विध्वंसक कहा जाता है। ऐसे में शिवलिंग पर सिंदूर अर्पित नहीं किया जाता। इसके स्थान पर शिव की पूजा में चंदन या भस्म का उपयोग कर सकते हैं।
टूटा हुआ चावल :—
भगवान शिव की पूजा करते समय यह खास ख्याल रखना चाहिए कि टूटे चावल के दाने कभी भी नहीं चढ़ाना चाहिए। माना जाता है कि चावल के दाने जिसे अक्षत भी कहते हैं बहुत शुभ होते हैं लेकिन शिव की पूजा में टूटे चावल का उपयोग करना वर्जित होता है। कभी भी अक्षत के रूप में टूटे चावल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। न ही शिवलिंग पर इन्हें चढ़ाने चाहिए।
शिव को नहीं चढ़ता गुड़हल का फूल:—
भगवान शिव वैरागी कहे जाते हैं जबकि गुड़हल का फूल भाग्य का प्रतीक होता है। ऐसे में लाल कलर के चलते गुड़हल का फूल कभी
भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। इसके बदले भगवान शिव को धतूरे का फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
शिवलिंग पर नहीं चढ़ती हल्दी :—
हल्दी को स्त्री का प्रतीक स्वरुप माना जाता है। इसी के चलते हल्दी को कभी भी भगवान शिव पर नहीं चढ़ाया जाता है। ऐसे में महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर भी आप भूलकर भी शिवलिंग पर हल्दी अर्पित नहीं करना चाहिए।
नारियल –श्रीफल :—
हिंदू धर्म में नारियल को सबसे पवित्र फल माना जाता है। इसे लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। लक्ष्मी जी का संबंध भगवान विष्णु से है। इसके कारण भगवान शिव की पूजा में श्रीफल या उसके पानी का इस्तेमाल करना वर्जित माना जाता है।
श्रापित है केतकी का फूल :—
हिंदू धर्म में केतकी के फूल को श्रापित फूल माना जाता है। भगवान शिव ने केतकी के फूल को श्राप दिया था। इसके चलते केतकी के फूल कभी भी भगवान शिव की पूजा में उपयोग नहीं किया जाता है। न ही केतकी के फूल भी शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)