USAID फंड …वित्तमंत्रालय ने किया बड़ा खुलासा… 7 प्रोजेक्ट में आया फंड…वोटिंग बढ़ाने के लिए नहीं आया

Dispute over USAID funding from America Washington to India

USAID फंडिंग पर अमेरिका के वॉशिंगटन से लेकर भारत के दिल्ली तक विवाद छिड़ा हुआ है। फंडिंग से जुड़े इस विवाद के बीच केन्द्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में फंडिंग को लेकर कई बड़े खुलाए हुए हैं। रिपोर्ट में फंड से जुड़ी सभी डिटेल्स की जानकारी दी और बताया कि USAID ने कितनी फंडिंग की। इस फंड का उपयोग कहां कहां किया गया।

फाइनेंस मिनिस्ट्री की इस रिपोर्ट में खुलाया किया गया है कि USAID की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में करीब सात प्रोजेक्ट्स के लिए 750 मिलियन डॉलर यानी करीब 65 अरब रुपये की फंडिंग की गई थी। इस दौरान वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को लेकर किसी तरह की कोई फंडिंग नहीं की गई है।
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार USAID की फंडिंग नवीकरणीय ऊर्जा, डिजास्टर मैनेजमेंट, कृषि और खाद्य सुरक्षा के साथ जल, स्वच्छता और साफ-सफाई और स्वास्थ्य से संबंधित प्रोजेक्ट्स के लिए थी। वित्तमंत्रालय की रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि यूएसएड ने वन और जलवायु अनुकूल कार्यक्रम के साथ ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण ही नहीं नवाचार परियोजना के लिए भी फंडिंग करने का वादा किया है।

रिपोर्ट की माने तो भारत को अमेरिका से साल 1951 में आर्थिक मदद मिलनी शुरू हुई थी। USAID की ओर से अब तक भारत को करीब 555 प्रोजेक्ट के लिए 1700 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जा चुकी है।

खुलासे के बाद विवाद

दरअसल, इस महीने के प्रारंभ में अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग DOGE की ओर से खुलासा किया गया था कि यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट USAID की ओर से भारत में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए करीब 21 मिलियन डॉलर का अनुदान प्रदान किया गया था। बता दें एलन मस्क वाले डिपार्टमेंट DOGE की ओर से किये गये इस खुलासे के बाद भारत में पक्ष विपक्ष के बीच सियासी घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग एनडीए सरकार से कर चुकी है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चिंता जताई

USAID फंडिंग विवाद को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खासी चिंता जताई है। विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका की ओर से दी गई यह सूचना बहुत चिंताजनक है। केन्द्र सरकार इस पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच में ऐसा कुछ है तो उनका मानना ​​है कि देश को पता होना चाहिए कि इस तरह की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों में कौन लोग इसमें शामिल हैं।

(प्रकाश कुमार पांडेय)

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