दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। चुनाव का प्रचार धीरे-धीरे चरम की ओर बढ़ रहा है। वहीं बयान और आरोप प्रत्यारोप का दौर भी बढ़ता नजर आ रहा है। ऐसे में दिल्ली के दिल में क्या है, जहां चुनावी वादों की भरमार है। दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होगा। तीन दिन बाद 8 फरवरी करे नतीजे आ जाएंगे।
- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025
- किस पार्टी का क्या वादा ?
- बुजुर्ग, बच्चों के लिए क्या होगा मुफ्त?
- क्या हैं केजरीवाल की रेवड़िया…?
- बीजेपी-कांग्रेस की योजनाओं में क्या ?
- दिल्ली में बुजुर्ग, बच्चों और महिलाओं पर फोकस
- किसका-क्या है वादा..क्या होगा मुफ्त…!
भाजपा vs आप vs कांग्रेस
ऐसे में चुनावी चकल्लस बढ़ती जा रही है। जहां सियासी दलों में दिल्ली के रण में सत्ता पाने की होड़ में सभी मतदाताओं को लुभाने की दिशा में एक से बढ़कर एक घोषणाएं करते जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी की ओर से पहले से ही महिलाओं को बस की फ्री यात्रा कर रखी है। नये घोषणापत्र में सरकार बनने पर आप के नेता ने छात्रों को भी बस में फ्री यात्रा करने की बात कर रहे हैं। पहले से दी जा रही फ्री बिजली पानी लागू रखने के साथ आम आदमी पार्टी की ओर से सरकार बनने पर किरायेदारों को भी फ्री बिजली, पानी देने की बात कर रही है।
वहीं भाजपा दिल्ली में चल रही फ्री बिजली, पानी को यथावत रखने तो कांग्रेस 300 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा दिल्ली की जनता से कर रही है। महिलाओं को जहां आप प्रतिमाह 2100 रुपए तो भाजपा 2500 रुपए कोई किसी से कम नहीं। भाजपा आम आदमी बुजुर्ग 70 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए आयुष्मान योजना के तहत दिल्ली सरकार के योगदान सहित 10 लाख रुपए तक स्वास्थ्य बीमा लागू करने की वकालत कर रही तो आप संजीवनी योजना के तहत 60 वर्ष से ऊपर बुजुर्ग लोगों के लिए सरकारी प्राइवेट अस्पतालों इन में मुफ्त इलाज तो, कांग्रेस बुजुर्गो के इलाज के लिए 25 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा देने की बात कर रही है। दिल्ली के चुनाव में भाजपा गर्भवती महिलाओं को 21000 रुपये, 6 पोष्टिक आहार का किट, गरीब बहनों को सिलेंडर पर 500 रुपए सब्सिडी, के होली दीपावली पर फ्री सिलेंडर देने की बात कर रही है। कांग्रेस बेरोजगारों को 8500 रुपए प्रतिमाह देने की बात कर रही है।
वजूद को बचाने में जुटी AAP
दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी अपने वजूद को बचाने में जहां लगी हुई है वहीं भाजपा उसे सत्ता से बेदखल कर दिल्ली में डबल इंजन की सरकार बनाने में क्रियाशील है। इधर कांग्रेस भी अपने पुराने वजूद को कायम रखते हुए सत्ता में आने का प्रयास कर रही है। अभी हाल हीं में लोकसभा चुनाव कांग्रेस और आप ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन इसके बाद भी दिल्ली की सात की सात सीट पर भाजपा ने जीत हासिल कर लीं। इस बार विधान सभा चुनाव आप और कांग्रेस अलग अलग होकर लड़ रहे हैं जो दिल्ली में नया समीकरण पैदा कर सकते हैं। इस बार के चुनाव में दिल्ली की जनता बदलाव चाहती है। लेकिन यह बदलाव किस दिशा में जायेगा फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता। वहीं आप की स्थिति पहले जैसी नजर नहीं आ रही है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)