गंगा जमुना स्कूल की दाल में काला ही काला, पकड़ी 78 लाख की जीएसटी चोरी,मुस्लिम देशों में निर्यात की जाती थी दाल

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एमपी के दमोह का स्कूल गंगा जमना स्कूल फिर सुर्खियों में है। हिंदू बच्चियों को हिजाब पहनाए जाने को लेकर विवाद के बाद अब स्कूल संचालकों के व्यापारी और काले कारनामों की जांच तक आंच पहुंच गई है। जहां एक ओर गंगा जमना स्कूल में बच्चों के धर्म बदलने की कोशिशें की जा रहीं थीं तो वहीं इस स्कूल के संचालक अपने काले कारोबार का आगे बढ़ा रहे थे। जिसमें टैक्स चोरी की जा रही थाी।

जीएसटी चोरी का खुलासा

यह खुलासा स्टेट जीएसटी की कार्यवाही के बाद हुआ है। जिसमें में 78 लाख रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी जा चुकी है। बता दें जबलपुर के साथ सागर की जीएसटी टीम ने आठ ठिकानों पर छापामारी की। जिसमें गंगा जमना स्कूल ग्रुप के ठिकानों पर पिछले 4 दिन से छापेमारी कीगई। इसके बाद सोमवार देर रात स्टेट जीएसटी के अधिकरियो की टीम ने
मीडिया के सामने यह चौंकाने वाला खुलासा किया।

बीड़ी उद्योग में सबसे ​अधिक घालमेल

प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर गंगा जमुना ग्रुप में करीब 78 लाख से अधिक की टैक्स चोरी उजागर हुई है। जीएसटी अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया 4 दिन से लगातार दस्तावेज खंगाले जा रहे थे। जांच की जा रही थी। विभाग के अधिकारियों ने ग्रुप की आठ फर्मों की जांच की है। जिनमे सात सक्रिय हैं तो एक में कारोबार बंद किया जा चुका है। सबसे ज्यादा टैक्स चोरी का मामला तेंदुपत्ता यानी बीड़ी उद्योग में पकड़ा गया। यह फिलहाल जांच में है। और जांच का पहला दौर है। अभी आगे भी जांच पड़ताल जारी रहेगी। बतादें गंगा जमना स्कूल के संचालकों के काले कारोबार पर जीएसटी टीम के साथ दूसरे विभागों की टीम ने भी छापेमारी कार्रवाई की थी। जिसमें स्कूल के संचालक की दाल मिल सहित पेट्रोल पंप की जांच की गई। जहां स्टेट जीएसटी सेल टेक्स डिपार्टमेंट के साथ खाद्य विभाग और श्रम विभाग के साथ कृषि विभाग और जिला प्रशासन की संयुक्त टीमों ने यह जांच की है। जीएसटी असिस्टेंट कमिश्नर सागर उमेश त्रिपाठी ने जीएसटी और सेल टेक्स विभाग को शिकायत मिलने की बात कही है।जिसमें गंगा जमना दाल मिल में टैक्स चोरी किये जाने की शिकायत मिली थी। इतना ही नहीं दूसरे संबंधित विभाग की जांच भी अभी तक जारी है। बताया जाता है कि गंगा जमना दाल मिल में जो दाल तैयार की जाती थी वह एक्सपोर्ट क्वालिटी की होती हैं। जिन्हें सऊदी अरब सहित दूसरे मुस्लिम देशों में निर्यात किया जाता था।

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