बंगाल की खाड़ी में बना साइक्लोन सितरंग तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह पश्चिम बंगाल के तट से 25 अक्टूबर को टकराने वाला है। इसकी वजह से कई इलाकों में दीपावली के दिन भी भारी से भारी बारिश होने व तूफान आने की संभावना है। लगभग तीन साल बाद बंगाल की खाड़ी में ये चक्रवात बन रहा है। इससे पहले अक्टूबर 2018 में तितली साइक्लोन आया था।
इन राज्यों में जारी किया गया अलर्ट
आईएमडी के मुताबिक पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में दिवाली, भाईदूज और अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। इसके साथ ही इस चक्रवात का असर अन्य राज्यों में भी देखने मिलेगा।
तबाही मचा सकता है सितरंग
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि साइक्लोन (चक्रवाती तूफान) सितरंग कई राज्यों में तबाही भी मचा सकता है। जानकारी के मुताबिक बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी के ऊपर डिप्रेशन उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया, एक डीप डिप्रेशन में बदल गया और पोर्ट ब्लेयर से लगभग 580 किमी उत्तर-पश्चिम में, सागर द्वीप से 700 किमी दक्षिण में और बारिसल (बांग्लादेश) से 830 किमी दक्षिण में केंद्रित हो गया है। अगले 12 घंटों के दौरान इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक तेज चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है।
The deep depression over eastcentral Bay of Bengal about 640km northwest of Port Blair. To intensify into a cyclonic storm over central Bay of Bengal. To cross Bangladesh coast between Tinkona Island and Sandwip around 25th October early morning. pic.twitter.com/aZzfcNMCQV
— India Meteorological Department (@Indiametdept) October 23, 2022
इन राज्यों में भी भारी बारिश
दिवाली और गोवर्धन पूजा वाले दिन अरुणाचल प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना है। 24-26 अक्टूबर के दौरान असम और मेघालय और 23-26 अक्टूबर के दौरान मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा मौसम विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे मध्य बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्र क्षेत्र में और 23 से 26 अक्टूबर के बीच तटों से बाहर न निकलें।
क्या है सितरंग ?
सितरंग एक साइक्लोन यानी चक्रवाती तूफान है। छह मौसम विज्ञान केंद्र के समूह आरएसएमसी और पांच क्षेत्रीय उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्रों टीसीडब्ल्यूसी ने मिलकर इस चक्रवात को यह नाम दिया है। इस पैनल के तहत 13 सदस्य देश आते हैं। इस बार चक्रवात का नाम थाइलैंड द्वारा दिया गया है।