सोने की प्लेट लगे सिंहासन पर विराजमान होंगे रामलला,5 नवंबर को होगी अक्षत पूजा

पीएम नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला के मंदिर का उद्घाटन करेंगे। ऐसे में मंदिर का निर्माणकार्य तेजी से चल रहा है। मंदिर के गर्भगृह का निर्माण पूरा हो चुका है। इस बीच सामने आया है कि रामलला संगरमरमर और सोने की प्लेट लगे आठ फीट ऊंचे सिंहासन पर विराजमान होंगे। यह सिंहासन राजस्थान के कारीगर तैयार कर रहे हैं। जोकि 15 दिसंबर तक अयोध्या पहुंच जाएगा। सिंहासन करीब आठ फीट ऊंचा और चार फीट चौड़ा होगा।

22 जनवरी को पीएम मोदी करेंगे मंदिर का उद्घाटन

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सदस्य अनिल मिश्रा की ओर से बताया गया है कि रामलाल के मंदिर में गर्भगृह के निर्माण का काम भी पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर भी 15 दिसंबर तक तैयार किये जाने का लक्ष्य है। वहीं फर्स्ट फ्लोर का काम भी 80 फीसदी के आसपास पूरा हो चुका है। मंदिर की पहली मंजिल पर 17 खंभे लगाए जा चुके हैं। अब केवल दो खंभे लगना हैं। पहली मंजिल की छत 15 दिसंबर तक तैयार होने की उम्मीद है।

अनिल मिश्रा ने बताया कि परिक्रमा मार्ग के फर्श का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। गृह मंडप के फर्श पर संगमरमर बिछाने का काम किया जा रहा है। बताया जाता है कि हाल ही में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से करीब सौ क्विंटल अक्षत का ऑर्डर दिया था। जिसका उपयोग 5 नवंबर को अक्षत पूजा में किया जाना है। पूजा के बाद यह अक्षत देश भर में भगवान श्री राम के भक्तों के बीच वितरित किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट की ओर से अक्षम के साथ ही करीब 1 क्विंटल पिसी हुई हल्दी और देसी घी का भी ऑर्डर दिया गया है। हल्दी और देशी घी को विधि-विधान के साथ चावल में मिलाया जाएगा। ट्रस्ट सचिव चंपत राय की माने तो सभी राज्यों से विश्व हिन्दू परिषद प्रतिनिधियों को 5 नवंबर के दिन अयोध्या पहुंचने को कहा गया है। इस दौरान प्रत्येक प्रतिनिधि को करीब 5 किलो चावल दिये जायेंगे। इस चावल को ये प्रतिनिधि अपने-अपने मंदिर में पूजा के बाद जिले के प्रतिनिधियों को सौंपेंगे। इस तरह राम मंदिर से निकले अक्षत को ब्लॉक और तहसीलों के साथ छोटे छोटे गांवों में लोगों को बांटेंगे।

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