कांग्रेस में मिल रहे भारी उलटफेर के संकेत…..अहमदाबाद अधिवेशन से निकली कांग्रेस की यह नई रणनीति…जिलाध्यक्षों को मिलेगी यह बड़ी जिम्मेदारी

Congress session held in Ahmedabad Gujarat

अहमदाबाद अधिवेशन से निकली कांग्रेस की यह नई रणनीति…जिलाध्यक्षों को मिलेगी यह बड़ी जिम्मेदारी

गुजरात के अहमदाबाद में हुए कांग्रेस अधिवेशन के बाद जो कुछ निकलकर सामने आ रहा है, उससे तो यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी की टीम एक बार फिर से मजबूत होकर मोर्चा संभालने वाली है। पुराने कांग्रेस नेताओं को नये सिरे से संघर्ष के लिए कमर कसनी पड़ सकती है।

दरअसल यह पूरी कवायद कांग्रेस को फिर से खड़ा करने की है। जिसके अच्छे नतीजे भी देखने को मिल सकते हैं। लेकिन शर्त यह है कि प्रस्तावों और संकल्प को अमल में भी लाया जायें। इससे पहले उदयपुर और रायपुर में जो बातें तय हुई थीं, उस पर थोड़ा बहुत ही एक्शन नजर आया। ज्यादातर टास्क अब तक अधूरे ही रहे।

निष्पक्ष तरीके से होगी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति

ऐसे में अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान राहुल गांधी ने वही बातें दोहराईं जो बीते कुछ दिनों से वे अपने भाषणों में कहा करते थे लेकिन कांग्रेस के इस अधिवेशन के मंच से उन बातों का दोहराया जाना मायने जरूर रखता है। दरअसल राहुल गांधी ने बताया पार्टी चाहती है कि जिलाध्यक्षों को संगठन की नींव बनाया जाए। उन्हें शक्ति प्रदान की जाए। वहीं राहुल अब जिला कमेटी और जिला अध्यक्ष को कांग्रेस पार्टी की नींव बनाने जा रहे हैं। कांग्रेस की ओर से दावा किया जा रहा है कि पार्टी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति निष्पक्ष तरीके से होगी। चुनावों में उम्मीदवारों के चयन में पार्टी जिलाध्यक्षों की ही महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

काम करने का मन न हो तो वीआरएस ले लें!

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा है कि हम भविष्य में उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में पार्टी के जिला अध्यक्षों को शामिल करने वाले हैं। मतलब साफ है कि राज्यों की राजधानियों में ही बैठकर चुनावी टिकट बांटने वाले नेताओं की अब मनमर्जी नहीं नहीं चलने वाली है। अब स्क्रीनिंग कमेटी भी हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठी रहेगी। मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से कांग्रेस के निकम्मे नेताओं को बड़े ही सख्त लहजे में आगाह किया गया है।इसके साथ ही लगे हाथ सलाह दे डाली कि काम करने का मन न हो तो वीआरएस ले लें।

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