स्टिंग का लगा जोर का झटका, विवादों में आए बीबीसीआई के चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा का इस्तीफा

भारतीय खिलाड़ियों पर पहले भी लगे धब्बे

Chetan Sharma Resigns: बीसीसीआई के चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा को एक स्टिंग का झटका जोर से लगा है। उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह हाल ही में एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन की वजह से विवादों में घिरे थे। चेतन ने स्टिंग में टीम इंडिया के कई खिलाड़ियों का जिक्र किया था और कई विवादित बातें भी कही थीं।

पहले भी विवादों में रहे हैं चेतन

पूर्व खिलाड़ी चेतन शर्मा का बतौर चीफ सेलेक्टर यह दूसरा कार्यकाल था। इससे पहले वे टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन की वजह से पद से हटाए गए थे। चेतन ने स्टिंग ऑपरेशन में खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर कई बड़े राज खोले थे। चेतन शर्मा को दिसंबर 2020 में पहली बार चीफ सेलेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वह पहले भी कई बार विवादों में आ चुके हैं। चेतन शर्मा ने यह भी कहा कि कुछ स्टार खिलाड़ियों को पूरी तरह से फिट नहीं होने पर भी NCA, यानी नेशनल क्रिकेट अकादमी से हरी झंडी दे दी जाती है और फिर चयनकर्ताओं को सलेक्शन पर फाइनल कॉल लेने के लिए कहा जाता है।

पहले भी भारतीय क्रिकेट में आई है आंधी

भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहले भी कई बार हंगामा हो चुका है। हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के युवा ओपनर पृथ्वी शॉ का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें वह सपना गिल नामक लड़की से हाथापाई करते नजर आ रहे हैं। इससे पहले पृथ्वी प्रतिबंधित दवा का सेवन करने के जुर्म में टीम से निकाले भी जा चुके हैं।

अभी अधिक दिन नहीं हुए, जब ऋषभ पंत का भयानक एक्सीडेंट हुआ और वह मौत के मुंह में जाने से बचे। वह सुबह-सुबह बिल्कुल अकेले गाड़ी चलाकर दिल्ली से देहरादून जा रहे थे। उस वक्त यह भी अफवाह उड़ी कि दुर्घटना नशे की वजह से हुई थी।

फिक्सिंग का तूफान

मनोज प्रभाकर 90 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम के एक स्टार खिलाड़ी थे। वह एक स्टिंग ऑपरेशन का हिस्सा बने थे, जिसके जरिये ऐसे क्रिकेटर्स का खुलासा करना था जो कि मैच फिक्सिंग में शामिल होते थे। इस स्टिंग ऑपरेशन में कई खिलाड़ियों का नाम आया था, हालांकि बाद में खुद मनोज प्रभाकर पर ही मैच फिक्सिंग के आरोप लग गये। बीसीसीआई ने उनको दोषी पाया और उन पर बैन लगा दिया। उन्होंने कपिलदेव को ही फिक्सिंग का दोषी बताया था।

साल 2011 में जब वो दिल्ली क्रिकेट टीम के कोच थे तो उन्होंने सरेआम कई चयनकर्ताओं और खिलाड़ियों की आलोचना की थी जिसके चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मनोज प्रभाकर पर बाद में मैच फिक्सिंग के आरोप लगे और उन पर  पांच साल का बैन लगा। 1994 के जिस मैच को आधार बनाकर कार्रवाई हुई, उसमें अजहरुद्दीन कप्तान थे और नयन मोंगिया थे साथी खिलाड़ी। मोंगिया को भी एक समय के बाद कभी टीम में नहीं लिया गया।

कप्तान अजहरुद्दीन पर आजीवन बैन लगा क्योंकि सीबीआई की रिपोर्ट ने उन्हें मैच फिक्सर साबित किया.। हालांकि, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने आरोप साबित न होने की बात करते हुए बैन हटा दिया। आरोपियों में अजय शर्मा और अजय जडेजा भी शामिल थे। अजय शर्मा पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया। जडेजा पांच साल के लिए बैन किए गए।

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