छत्‍तीसगढ़ का शराब घोटाला : पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर गिरी ये गाज…गिरफ्तारी के बाद सात दिन की रिमांड पर लखमा

Chhattisgarh liquor scam former excise minister Kawasi Lakhma arrested

छत्तीसगढ़ के रायपुर में ईडी की इकाई ने धन शोधन निवारण अधिनियम पीएमएलए, 2002 के तहत छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। इस सिलसिले में रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में सात स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया। इसके दो दिन बाद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया।

बता दें 28 दिसंबर को ईडी ने छह बार के कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री कवासी लखमा के आवासीय ठीकानों के साथ ही उनके बेटे हरीश लखमा और दूसरे करीबी सहयोगियों के परिसरों पर छापामार कार्रवाई की थी।

दरअसल बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को ED ने गिरफ्तार कर लिया। ED ने इससे पहले लंबी पूछताछ की। इसके बाद कवासी लखमा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से सात दिन की रिमांड पर सौंपा गया है। मामले में अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी।

बता दें बुधवार 15 जनवरी को लखमा को तीसरी बार पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया था। इसी पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। पूर्व मंत्री लखमा के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच ईडी ने शुरू की थी। अब उनके बैंक खाते के साथ संपत्तियों सहित दूसरी वित्तीय जानकारी को खंगाला गया। जिसके बाद ईडी को कई अहम सबूत हाथ लगे हैं।

यह है यह मामला?

शराब घोटाले में ईडी की जांच जो कथित तौर पर साल 2019 और साल 2022 के बीच हुई थी।जिसमें खुलासा किया कि विभिन्न अवैध तरीकों से अवैध कमीशन का खेल खेला गया था। केंद्रीय एजेंसी की माने तो राज्य में शराब की खरीद और बिक्री के लिए जिम्मेदार राज्य सरकार के राज्य विपणन निगम लिमिटेड सीएसएमसीएल की ओर से खरीदी गई शराब के प्रत्येक मामले के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत हासिल की गई थी। वहीं ईडी ने यह भी दावा किया कि अवैध लाभ कमाने का एक और तरीका यह था कि बेहिसाब देशी शराब की बिक्री की गई थी। इसमें यह कहा गया कि आय का कोई भी हिस्सा राज्य सरकार के खजाने तक नहीं पहुंचा। इसके बजाय सिंडिकेट की जेब में चला गया।

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