छत्तीसगढ़ में साय मंत्रिमंडल का गठन,9 मंत्रियों के चौकाने वाले ये नाम

Chhattisgarh CM Sai Cabinet Formation 9 Ministers

छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाई है। सरकार बनते ही मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाएं चल रही थी। आखिरकार शुक्रवार को राजभवन में विष्णु देव साय के मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं को दरकिनार करते हुए नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। राजभवन में 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। शपथ लेने वाले 9 मंत्रियों के नाम की चौका देने वाला हैं। इस मंत्रिमंडल में बृजमोहन अग्रवाल, राम विचार नेताम, श्याम बिहारी जायसवाल, केदार कश्यप ओपी चौधरी, लखन लाल देवांगन, टंकराम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े शामिल है।

भाजपा की नई सरकार में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन पर जोर है। सबसे ज्यादा छह मंत्री ओबीसी वर्ग से बनाए गए हैं। एसटी से 3 और सामान्य वर्ग से दो मंत्री बनाए गए हैं जबकि एससी वर्ग से केवल एक मंत्री को साय कैबिनेट में स्थान दिया गया है। भाजपा ने जगदलपुर से किरण सिंह देव को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संतुलन बनाने की कोशिश की है। मंत्रिमंडल का निर्माण नए और पुराने शहरों को मिलकर बनाया गया है जिसमें पांच चेहरे पुराने और चार नए चेहरे को जगह दी गई है।

भारतीय जनता पार्टी में अजय चंद्राकर, रेणुका सिंह ,लता उसेंडी और राजेश मूणत जैसे दिग्गज नेता होने के बावजूद भी पहली बार विधानसभा चुनाव जीत कर आए नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी शपथ लेने वाले मंत्रियों को बधाई दी है। नए चेहरे को मंत्रिमंडल में जगह देने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि जब पहली बार जीते हुए विधायक को राजस्थान में मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, तो मंत्रिमंडल में जगह मिलना कौन सी बड़ी बात है।

लोकसभा चुनाव के बाद बचे हुए एक मंत्री की नियुक्ति की जाएगी। सभी मंत्रियों के विभाग का बंटवारा कुछ दिनों में कर दिया जाएगा। उसके बाद देखने वाली बात होगी कि आखिर नए चेहरे जनता के विश्वास पर कितने खरे उतरते हैं और आखिर मोदी की गारंटी किस तरह से काम करती है और छत्तीसगढ़ में अपने किए गए वादों को पूर्ण करती है।

राज्य में 3 दिसंबर को सत्ता पर काबिज हुई थी बीजेपी

नवंबर में 7 और 17 तारीख को हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भाजपा कांग्रेस को हराकर राज्य की सत्ता में आई। नतीजे तीन दिसंबर को मतगणना हुई थी। इसके बाद घोषित किए गए थे। भाजपा ने 90 में से 54 सीट जीतीं थी। वहीं कांग्रेस के खाते में 35 सीट गई, जो साल 2018 विधानसभा चुनाव में जीती गई 68 सीट से कम है।

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