छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार बीजेपी की नई सरकार के लिए करीब 82.125 हजार करोड़ कर्ज वाला खाली खजाना छोड़ गई है। ऐसे में बीजेपी की विष्णुदेव सरकार के सामने प्रदेश में लागू किए जाने वाली योजना के लिए बजट राशि की कमी हो गई है। इसकी पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार ने आरबीआई से दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने का डिमांड नोट सौंपा है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है।
- कर्जदार..नई सरकार—पुराना कर्ज, नई सरकार
- कर्ज को लेकर सियासी मर्ज!
- बीजेपी — कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप
- क्या कर्ज से पूरी होगी मोदी की गारंटी!
- कांग्रेस पर सीधा वार!
- बीजेपी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
- पूर्ववर्ती भूपेश सरकार पर साधा निशाना
- खजाना खाली करके गई भूपेश सरकार
- नई बीजेपी सरकार को विरासत में मिला कर्ज
- विरासत में मिला कर्ज का बड़ा बोझ
- सरकार लेने वाली है दो हजार करोड़ का कर्ज
- आरबीआई से कर्ज लेने का डिमांड नोट सौंपा
गारंटी पूरी करने के लिए कर्ज का बोझ
छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान कर्ज बड़ा मुद्दा रहा है। मुख्यपमंत्री विष्णुपदेव साय के नेतृत्व वाली राज्य की नई बीजेपी सरकार को कर्ज का बड़ा बोझ विरासत में मिला है। दिसंबर में हुए राज्य में विधानसभा के पहले सत्र के दौरान सीएम विष्णु देव साय ने बताया था कि राज्यं सरकार पर 91 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। इसमें करीब 50 हजार करोड़ का कर्ज 2018 से 2023 के बीच कांग्रेस ने ली है। कर्ज लेने को लेकर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस पूरा खजाना खाली करके गई है। पीएम मोदी की गारेंटी को पूरा करने के लिए हमने कर्ज लिया है।
हर बात में कांग्रेस को कोसना ठीक नहीं-भगत
विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार पर करीब 88 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज था। अब यह बढ़ता ही जा रहा है। अब नई सरकार बनी तो उसे भी कर्ज की जरूरत पड़ रही है। पहले से ही कर्ज में डूबा छत्तीसगढ़ प्रदेश को अब भाजपा सरकार चला रही है। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2023 में छत्तीसगढ़ के लोगों से ढेर सारे वादे करते हुए अपना घोषणा—पत्र जारी किया गया था। बीजेपी के इस पत्र की घोषणा और मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए अब राज्य सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। इस पर पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है की अगर आपको काम करना है तो कर्ज क्यों लेना सीधे दिल्ली से लेकर आईए। हर बात पर कांग्रेस को कोसना सही नही है।
11 सीट पर भाजपा की नजर
दरअसल लोकसभा की 11 सीट पर भाजपा कमल खिलाना चाहती है। इसके लिए अगले माह 5 फरवरी से 1 मार्च तक चलने वाले वित्तीय बजट सत्र 2024—25 में भी इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसमें सबसे ज्यादा ध्यान विधानसभा 2023 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दी गई मोदी की गारंटी को पूरा करने पर होगा। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार के खजाने में इतना पैसा नहीं है कि तत्काल मोदी की गारंटी पूरी कर दी जाए। ऐसे में छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने कर्ज लेने का निर्णय लिया है।