छत्तीसगढ़ में क्यों हो रहा चुनाव से पहले धान पर घमासान?, क्या मिलेगा किसानों को पुराना बोनस ?,धान के बोनस पर सियासत !

Paddy Purchase Issue Farmer Bonus

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच धान खरीदी और बोनस का मुद्दा गरमा गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों को दो साल का धान बोनस देने के मामले को केन्द्र के पाले में फेंक दिया है। सीएम बघेल ने पीएम नरेन्द्र मोदी को पिछले दिनों पत्र लिखकर धान बोनस दिए जाने पर लगे प्रतिबंध को समाप्त करने की मांग की थी। जिससे किसानों को 3 हजार 700 करोड़ रूपए का बकाया बोनस दिया जा सके। सीएम के पत्र पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने भूपेश सरकार को पल्टू सरकार करार दिया है।

इस तरह सीएम ने गेंद पीएम के पाले फेंकी

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी और बोनस को लेकर सियासत जारी है। एक तरफ कांग्रेस और बीजेपी में धान खरीदने का क्रेडिट लेने की होड़ है। वहीं दूसरी तरफ अब साल 2014-15 और 2015-16 के बकाया बोनस को लेकर सियासत शुरू हो गई है। दरअसल कांग्रेस पार्टी ने अपने जन-घोषणा पत्र में राज्य में सरकार बनने पर किसानों को वर्ष 2014-15 और 2015-16 का बकाया बोनस भी देने का वादा किया था। लेकिन आज दिनांक तक किसानों को बोनस नही दिया गया है। ऐसे में बीजेपी इसे सरकार की वादा खिलाफी करार देकर एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना रही है। इस मुद्दे पर सियासी घाटा को देखते हुए राज्य के सीएम ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर बोनस देने पर लगा प्रतिबंध हटाने की मांग कर दी है। यानी सीएम ने गेंद पीएम मोदी के पाले में फेंक दिया है।

अरुण साव ने बताया सीएम को पलटूराम

दूसरी तरफ सीएम के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी अध्यक्ष अरूण साव ने कहा कि राज्य के सीएम भूपेश बघेल पल्टू राम की भूमिका में है। वे हर वायदे से जैसे पलटे है उसी तरह से चुनाव के समय अब बोनस देने के वायदे से भी पलट रहें हैं । अरूण साव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बोनस देने की घोषणा पीएम से पूछकर की थी क्या जो अब बोनस देने के मामले में पीएम को पत्र लिख रहें हैं।

राज्य में सरकार बनाने बिगाड़ने का काम करता है ये मुद्दा

दरअसल छत्तीसगढ़ में धान खरीदी एक बड़ा सियासी मुद्दा है। यह मुद्दा राज्य में सरकार बनाने और बिगाड़ने का काम करता है। सीएम भूपेश बघेल ने धान बोनस देने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखकर बीजेपी के वायदा खिलाफी के आरोपों का काट निकालने की कोशिश की है। पत्र लिखने के बाद अब सीएम और कांग्रेस पार्टी किसानों के बीच यह प्रचारित करने की कोशिश करेगी की पीएम ने बोनस देने पर लगा प्रतिबंध नही हटाया। इसलिए कांग्रेस सरकार किसानों को बोनस नही दे पाई लेकिन क्या इससे किसान संतुष्ट होंगे। यह लाख टके का सवाल है।

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