केन्द्र के अंतरिम बजट से मध्यम वर्ग को ये उम्मीद, क्या मिलेगा चुनावी साल में तोहफा ?

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क्या मध्यम वर्ग की उम्मीद पूरी करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। जिसे फिलहाल अंतिम रूप दिया जा रहा है। बता दें जिस साल लोकसभा चुनाव होते हैं, उस वर्ष दो बजट आते हैं। अंतरिम बजट और पूर्ण बजट। सामान्यतया अंतरिम बजट में नई सरकार बनने तक की व्यय जरूरतें पूरी करने का उद्देश्य होता है।

वित्तमंत्री ने कहा है कि अंतरिम बजट लेखानुदान होगा। पूर्ण बजट के आगामी जुलाई में आने की संभावना है। अंतरिम बजट में लोकलुभावन योजनाओं को शामिल नहीं किया जाएगा। लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वित्तमंत्री कुछ जरूरी राहत दे सकती है। साल 2019 के अंतरिम बजट में भी किसान सम्मान निधि और आयकर राहत देने के लिए जरूरी प्रावधान किए गए थे। चूंकि पिछले दिनों राज्यों के उत्साहजनक चुनावी नतीजों में कल्याणकारी योजनाओं को भूमिका थी। ऐसे में केन्द्रीय वित्तमंत्री आमजन के हितार्थ कुछ महत्वपूर्ण सामाजिक , आर्थिक कल्याण की योजनाओं के साथ मध्यवर्ग को राहत देने, साथ छोटे आयकरदाताओं लिए कुछ जरूरी प्रावधान कर सकती हेैं।

दरअसल वेतनभोगी वर्ग के लाखों छोटे आयकरदाताओं और मध्यवर्ग की शिकायत है कि चालू वित्त वर्ष के बजट में उन्हें टैक्स संबंधी राहत नहीं मिली। ऐसे में अब महंगाई वृद्धि के कारण उन्हें कुछ आयकर राहत की अपेक्षा है। राहत देने के लिए अनुकूल आधार भी हैं और उम्मीद भी। उम्मीद करना भी चाहिए। वित्तमंत्री अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए छोटे आयकरदाताओं और मध्यवर्ग को राहत दे सकती हैं। इससे इस वर्ग की क्रयशक्ति में वृद्धि नई मांग का निर्माण करेगी और अर्थव्यवस्था गतिशील होगी, और सामने लोकसभा चुनाव भी तो हैं।

यह है टैक्स व्यवस्था?

स्टैंडर्ड डिडक्शन और दूसरे अन्य रिबेट को मिला ले तो यह सीमा करीब 7.5 लाख रुपए तक की हो जाती है। यानी 7.5 लाख तक की वार्षिक आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। केन्द्र सरकार की ओर से वर्ष 2020 के बजट में ही नई व्यवस्था की घोषणा की थी। हालांकि इस व्यवस्था के तहत 80सी और होम लोन के मद में निवेश पर कोई छूट नहीं होनेके चलते इस व्यवस्था के प्रति टैक्सपेयर्स का ध्यान नहीं गया।

50 हजार की और छूट का प्रावधान

वित्त मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की माने तो एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में नई टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स में 50 हजार रुपए तक की और छूट मिलने की संभावना है। इसकी घोषणा के बाद यानी कि नए वित्त वर्ष 2024— 2025
से आठ लाख रुपए तक की आय इनकम टैक्स से मुक्त होने की उम्मीद है। टैक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि केन्द्र सरकार इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 15 और 16 के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन में 50 हजार रुपए तक की और छूट दे सकती है। जिससे अधिक से अधिक लोग टैक्स की नई व्यवस्था में शामिल हो उसे अपनाए।

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